आपके पास अभी भी मौका है.... : हिजाब समर्थक किशोरी ने कर्नाटक के सीएम से लगाई गुहार

सीएम  बोम्मई को टैग करते हुए आलिया असादी ने ट्वीट किया कि आपके पास अभी भी हमारे भविष्य को बर्बाद होने से रोकने का मौका है. आप हमें हिजाब पहनकर परीक्षा लिखने की अनुमति देने का निर्णय ले सकते हैं. कृपया इस पर विचार करें. हम इस देश का भविष्य हैं. 

आपके पास अभी भी मौका है.... : हिजाब समर्थक किशोरी ने कर्नाटक के सीएम से  लगाई गुहार

कर्नाटक में हिजाब की समर्थक छात्रा ने लगाई सीएम से गुहार

नई दिल्ली:

कर्नाटक में हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहीं 17 वर्षीय लड़की (Hijab Row) ने आज मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नए सिरे से अपील करते हुए कहा है कि आपके पास अभी भी हमारे भविष्य को बर्बाद होने से रोकने का मौका है. अपील में राज्य स्तरीय कराटे चैंपियन आलिया असादी ने कहा कि हिजाब या हेडस्कार्फ पर प्रतिबंध से कई छात्राएं प्रभावित होंगी, जो इस महीने के अंत में होने वाली प्री यूनिवर्सिटी परीक्षा में शामिल होना चाहती हैं. 

सीएम  बोम्मई को टैग करते हुए आलिया असादी ने ट्वीट किया कि आपके पास अभी भी हमारे भविष्य को बर्बाद होने से रोकने का मौका है. आप हमें हिजाब पहनकर परीक्षा लिखने की अनुमति देने का निर्णय ले सकते हैं. कृपया इस पर विचार करें. हम इस देश का भविष्य हैं. 

आलिया असादी उन याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिन्होंने राज्य के हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है. हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले से निराश होने के बाद उन्होंने अब सर्वोच्च न्यायालय पर अपनी उम्मीदें टिका दी हैं.

हाल ही में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है. यूनिफॉर्म पहनने से विद्यार्थी इनकार नहीं कर सकते. यूनिफॉर्म मौलिक अधिकारों पर एक उचित प्रतिबंध है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने छात्राओं की याचिका खारिज कर दी थी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बता दें कि कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी थी. इसके खिलाफ कर्नाटक के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे. बाद में ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा था. जहां कोर्ट ने 10 फरवरी को शैक्षणिक संस्थानों में सभी तरह के धार्मिक वेशभूषा पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिजाब पहनने वाली छात्राओं और शिक्षिकाओं को स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया.