यह ख़बर 23 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

भाजपा ने फिर वीरभद्र सिंह को बनाया निशाना

खास बातें

  • हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार वीरभद्र सिंह को भाजपा ने ठगी, धन शोधन, रिश्वत लेने और आयकर चोरी करने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर निशाना बनाया।
शिमला:

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार वीरभद्र सिंह को मंगलवार को भाजपा ने ठगी, धन शोधन, रिश्वत लेने और आयकर चोरी करने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर निशाना बनाया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि सिंह ने 2008 के बाद अपने आयकर खाता पुस्तिका में बदलाव किया है ताकि पिछली तारीख का फर्जी अनुबंध प्रदर्शित किया जा सके और करीब 6.5 करोड़ रुपये की आय दिखाई जा सके।

सिंह उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे जब उन पर एक स्टील कंपनी से धन प्राप्त करने का आरोप लगा था। यह बात तब सामने आई थी जब उस कंपनी पर 2010 में छापा पड़ा था।

भाजपा ने उन खबरों पर वीरभद्र सिंह को निशाना बनाया जिसमें विशंभर दास नामक एक व्यक्ति के साथ बागीचे के संबंध में अनुबंध पर हस्ताक्षर करने और 10.5 लाख रुपये का सालाना भुगतान प्राप्त करने की बात कही गई है।

भाजपा ने कहा कि जब छापेमारी में जब्त स्टील कंपनी की डायरियां सामने आई, सिंह ने आनंद चौहान नामक व्यक्ति के साथ पिछली तारीख का अनुबंध किया ताकि पूर्व के अनुबंध को बदला जा सके। इस अनुबंध में चौहान ने तीन वर्षों में 6.5 करोड़ रुपये जोड़े।

जेटली ने कहा, ‘‘यह रिश्वत, धन शोधन के माध्यम से प्राप्त रिश्वत के धन को वास्तविक आय में बदलने, पिछली तरीख के समझौते में हेराफेरी करने का मामला है।’’

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा की आलोचना करने वाली सोनिया गांधी को निशाना बनाते हुए जेटली ने कहा, ‘‘अगर उन्हें यह बात पता होती, तब वह सिंह के साथ मंच साझा नहीं करती। और अगर इसके बारे में उन्हें पता है, तब उन्हें भ्रष्टाचार पर उपदेश नहीं देना चाहिए।’’ जेटली ने मांग की कि इस मामले को तीन ईमानदार पुलिस अधिकारियों के विशेष जांच दल द्वारा जांच कराई जानी चाहिए।

भाजपा नेता ने दावा किया, ‘‘खराब रिकॉर्ड होने के कारण इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराई जानी चाहिए। इस डायरी में सीबीआई को लाभार्थी के रूप में दर्शाया गया है।’’ जेटली ने आरोप लगाया कि सिंह से कथित तौर पर जुड़ा स्टील कंपनी की डायरी का मामला केवल राजस्व नुकसान का मामला नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का मुद्दा है। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि किस प्रकार से रिश्वत के धन को सफेद धन में बदलने का प्रयास किया गया।

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भाजपा ने कहा कि जब 2010 में डायरियां जब्त की गई तब सिंह ने कर अदायगी और अनुबंधों में हेराफेरी की।