कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दिया नोटिस वापस ले लिया है. राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने पिछले 13 दिसम्बर को नोटिस जारी किया था जिसमें गुजरात में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले टीवी चैनलों को दिए गये इंटरव्यू को लेकर आपत्ति जताई गई थी. आयोग ने रविवार देर शाम कांग्रेस को भेजे पत्र में कहा है कि राहुल गांधी को दिया गया नोटिस वापस लिया जा रहा है. आयोग का कहना है कि राहुल गांधी को दिये नोटिस के बाद कांग्रेस ने आयोग के सामने पक्ष रखा. आयोग ने जन प्रतिनिधि कानून 1951 के सेक्शन 126 की समीक्षा के लिये एक कमेटी बना दी है. कानून के इस सेक्शन के तहत चुनाव से 48 घंटे पहले किसी तरह के प्रचार की इजाज़त नहीं होती.
आयोग ने एक अलग आदेश में ये कहा है कि लगातार इस कानून की अवहेलना हो रही है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया में आई क्रांति के बाद इस सेक्शन को देखने की ज़रूरत है. आयोग ने सूचना औऱ प्रसारण मंत्रालय के साथ-साथ कानून मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, प्रेस काउंसिल और एनबीए के सदस्यों की कमेटी बनाकर इस पर रिपोर्ट देने को कहा है कि आखिर इस कानून में क्या बदलाव करने की जरूरत है, जिसके बाद फैसला होगा. आयोग का कहना है कि अब ये मामला विचाराधीन है इसलिये राहुल गांधी को दिया नोटिस वापस लिया जा रहा है.
VIDEO: चुनाव आयोग पर बीजेपी और कांग्रसे आमने-सामने
चुनाव आयोग ने बीजेपी को लिखे पत्र में भी कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह औऱ सरकार के मंत्रियों की ओर से कानून के उल्लंघन की शिकायत का जिक्र किया है. आयोग ने कहा है कि बीजेपी की ओर से इन आरोपों का जवाब दिया गया. आयोग का कहना है कि इस बारे में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से जवाब मांगा गया. बीजेपी की ओर से पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले घोषणापत्र जारी करने पर आयोग ने कहा कि इस बारे में चुनाव आयोग ने कोई समय सीमा तय नहीं की है.
आयोग ने एक अलग आदेश में ये कहा है कि लगातार इस कानून की अवहेलना हो रही है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया में आई क्रांति के बाद इस सेक्शन को देखने की ज़रूरत है. आयोग ने सूचना औऱ प्रसारण मंत्रालय के साथ-साथ कानून मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, प्रेस काउंसिल और एनबीए के सदस्यों की कमेटी बनाकर इस पर रिपोर्ट देने को कहा है कि आखिर इस कानून में क्या बदलाव करने की जरूरत है, जिसके बाद फैसला होगा. आयोग का कहना है कि अब ये मामला विचाराधीन है इसलिये राहुल गांधी को दिया नोटिस वापस लिया जा रहा है.
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चुनाव आयोग ने बीजेपी को लिखे पत्र में भी कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह औऱ सरकार के मंत्रियों की ओर से कानून के उल्लंघन की शिकायत का जिक्र किया है. आयोग ने कहा है कि बीजेपी की ओर से इन आरोपों का जवाब दिया गया. आयोग का कहना है कि इस बारे में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से जवाब मांगा गया. बीजेपी की ओर से पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले घोषणापत्र जारी करने पर आयोग ने कहा कि इस बारे में चुनाव आयोग ने कोई समय सीमा तय नहीं की है.
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