
What Do Not Eat During Sawan: सावन भी पूरे साल का अजब महीना है. यूं तो साल में 12 माह होते हैं. पर सावन की बात ही निराली होती है. ये पूरे साल के सबसे खूबसूरत महीनों में से एक होता है. सावन की बूंदों में साफ-सुधरी सी नजर आने वाली कुदरत अपने शबाब पर इतराती सी नजर आती है. चारों तरफ हरियाली, बेरोक टोक बहते नदी और झरने. सावन के इस खूबसूरत पहलू का दूसरा पहलू है. साल का यही वो समय होता है जब क्या खाएं, क्या न खाएं की लंबी लिस्ट होती है. कुछ धार्मिक कारणों से तो कुछ वैज्ञानिक कारणों के चलते खान-पान में तमाम सावधानियां रखने की सलाह दी जाती है. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस मौसम में कढ़ी खाने से भी मना किया जाता है. ऐसा क्यों चलिए जानते हैं.
सावन में क्यों करें परहेजः
क्या खाएं, क्या न खाएं. ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि इसकी वजह क्या है. दरअसल सावन के महीने में अधिकांशतः सूरज बादलों में छिपा रहता है. सूरज का छिपना यानि ऊर्जा का घटना. जिसका असर हमारी पाचन क्रिया पर भी पड़ता है. इसलिए हैवी फूड से दूर रहने की सलाह दी जाती है. दूसरी वजह ये है कि इस मौसम में खरपतवार तेजी से बढ़ती है. कीड़े मकोड़े और दूसरे जीव जंतु भी इसी मौसम में ज्यादा नजर आते हैं. यही वजह है कि बहुत सी चीजें खाने से मना किया जाता है. पर क्यों चलिए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं.
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सावन में हरी पत्तेदार सब्जियां भी न खाने के लिए ही कहा जाता है.
1. कढ़ी और दही से रहें दूरः
सावन में कढ़ी और दही खाने से अक्सर मना किया जाता है. सिर्फ कढ़ी ही नहीं कच्चा दूध पीने से भी मना किया जाता है. इसका धार्मिक पहलू ये माना जाता है कि सावन में भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाया जाता है इसलिए कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए. इसका वैज्ञानिक पहलू भी बताया गया है. इस मौसम में कई अनचाही घास उग आती है. उन पर कई तरह के कीड़े मकोड़े भी रहते हैं. माना जाता है कि गाय भैंस सावन में ऐसी ही घास चरती है. जिसका असर उनके दूध पर भी पड़ता है. ये दूध सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता. इसलिए दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल की मनाही होती है या फिर उनके कम से कम इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.
आयुर्वेद के मुताबिक सावन में पाचन क्रिया धीमी रहती है ऐसे में दही और कढ़ी वात की समस्या बढ़ाते हैं इसलिए कढ़ी का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
2. बैंगनः
सावन में बैंगन न खाने की सलाह भी दी जाती है. इसकी भी वजह सावन में पनपने वाले कीड़े ही हैं. अक्सर आपने भी देखा होगा कि कीड़े बैंगन में घर बना कर रहने लगते हैं. ये कीड़े सब्जी के साथ कट कर गलती से भी खाने में न आए जाएं. और नुकसान पहुंचाएं इसलिए बैंगन न खाने की सलाह भी दी जाती है.
3. हरी सब्जियांः
यूं साल भर हर कोई हरी सब्जियां खाने की सलाह देता है. पर सावन में हरी पत्तेदार सब्जियां भी न खाने के लिए ही कहा जाता है. कारण वही कीड़े-मकोड़े, जो इनके पत्तों से चिपक जाते हैं. ऐसे में संभावनाएं ज्यादा होती हैं कि वो हमारे खाने में आ जाएं. जिसका नुकसान झेलना पड़ सकता है.
4. मांसाहारः
सावन में मांस, मछली से भी दूर ही रहने की सलाह दी जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण भी हमारा पाचन तंत्र ही है. जो सावन में जरा ढीला ही रहता है. दूसरा पहलू ये है कि इसी मौसम में कई तरह के जीव जंतु प्रजनन करते हैं. ऐसे में उन्हें मारकर खाना भी उचित नहीं माना जाता.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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