चिकनगुनिया के मामलों में उछाल का कारण बन रहा वाइरल स्ट्रेन

चिकनगुनिया के मामलों में उछाल का कारण बन रहा वाइरल स्ट्रेन

नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली के अलावा कई शहरों में चिकनगुनिया और डेगूं बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इसके कारण दिल्ली में कई लोगों की मौत भी हो रही है। बीमारी में हो रही वृद्धि के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल बीमारी में अचानक उछाल वाइरल स्ट्रेन के विकास का नतीजा हो सकता है। चिकित्सकों ने पहचान है कि वाइरल स्ट्रेन ‘एक अलग प्रकार का बर्ताव’ दिखा रहा है। लेकिन यह पुख्ता तब होगा जब वाइरस की संरचना पर शोध किया जायेगा।

राष्ट्रीय वेक्टर जनित बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के निदेशक ए. सी. धारीवाल का कहना है कि “डेंगू और चिकनगुनिया दोनों एडिज़ मच्छर के काटने से होते हैं, लेकिन डेंगू चार प्रकार के वाइरल स्ट्रेन से हो सकता है। जबकि चिकनगुनिया सिर्फ एक ही प्रकार के वाइरल स्ट्रेन से होता है”। धारीवाल ने बताया कि डेंगू के मामलों में कुछ स्ट्रेन अन्य की तुलना में अधिक संक्रामक हैं। 2006 के बाद इस साल चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि उसके स्ट्रेन में विकास की वजह से हो सकती है।

विशेषज्ञ महसूस करते हैं कि उत्तर भारतीय वेक्टर जनित इस बीमारी के शिकार इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि उनकी इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम है। एसडीएमसी के नगर स्वास्थ्य अधिकारी पी. के. हजारिका ने कहा कि “उत्तर भारत में लोग दक्षिण भारत की तुलना में चिकनगुनिया स्ट्रेन से अधिक एक्सपोज्ड नहीं हुए हैं। इसलिए वे इस विषाणु हमले के प्रति अधिक संवेदनशील भी हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि वाइरल स्ट्रेन के विकास की संभावना सिर्फ अनुमानित होगी, जब तक कि इसे स्थापित नहीं किया जाता।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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