IRCTC Poor-Quality Food: हम हमेशा उन लंबी ट्रेन जर्नी के लिए तैयार रहते हैं. जबकि ट्रेन जर्नी का सबसे एक्साइटिंग पार्ट टेस्टी फूड है जो हमें खाने के लिए मिलता है, हाल ही में रेलवे फूड की खराब क्वालिटी ने लोगों को घर का बना खाना ले जाने के लिए मजबूर कर दिया है. बैड टेस्ट और लो क्वालिटी मील मुख्य कारण हैं कि क्यों लोगों ने इंडियन रेलवे द्वारा सर्व किए जाने वाले फूड को अस्वीकार कर दिया है. हाल ही में, एक महिला ने इंडियन ट्रेनों में सर्व किए जाने वाले फूड की खराब क्वालिटी के बारे में शिकायत करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
ट्विटर यूजर भूमिका ने ट्रेन में अपने आधे खाए हुए खाने की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की, जिसमें दाल, सब्जी, रोटी और चावल शामिल थे. कैप्शन में उन्होंने अधिकारियों की ओर इशारा करते हुए पूछा, "क्या आपने कभी अपने खुद के खाने का टेस्ट चखा @IRCTCofficial? क्या आप कभी अपनी ही फैमिली और बच्चों को इतनी खराब क्वालिटी और टेस्ट का खाना देंगे? इसका टेस्ट कैदियों के खाने जैसा है. टिकट की कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं लेकिन आप अपने पैसेंजर को वही खराब क्वालिटी वाला फूड प्रोवाइड करा रहे हैं." भूमिका ने आगे कहा, "यह पोस्ट आईआरसीटीसी ट्रेन के किसी भी कर्मचारी को टारगेट नहीं कर रहा है. यह फूड कर्मचारियों की गलती नहीं है. वे हमें आईआरसीटीसी फूड डिलीवर करके अपना काम कर रहे हैं. फूड कर्मचारी हमारे पैसे वापस करने आए थे और यह उनकी गलती नहीं थी." " नीचे ट्वीट पर एक नज़र डालें:
Have you ever tasted your own food @IRCTCofficial ? Will you ever give such bad quality and taste to your own family and children? It tastes like food for prisoners. The ticket prices are increasing day by day but you are providing same bad quality food to your customers. pic.twitter.com/GJYJ0eWfXP
— Bhumika (@thisisbhumika) February 12, 2023
देखते ही देखते इस पोस्ट ने इंटरनेट पर तूफान ला दिया और लोगों ने इस पर स्ट्रॉन्ग रिएक्शन दिए. कुछ लोगों ने ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए महिला को घर का बना खाना ले जाने का भी सुझाव दिया. एक व्यक्ति ने लिखा, "फूड उनकी सेवाओं की तरह ही दयनीय है, ऐप टॉप क्वालिटी का है, वेबसाइट एक दुःस्वप्न है, चार्ज बड़े पैमाने पर हैं और क्वालिटी खराब है, बहुत खराब है."
एक अन्य यूजर्स ने सुझाव दिया, "आपके पास टिकट बुक करते समय फूड बुक नहीं करने का ऑप्शन है, टिकट की कीमतों को कम करने और घर का बना खाना ले जाना बेहतर ऑप्शन है."
एक अन्य ट्वीट में लिखा था, "कस्टमर का सारा पैसा कहां जा रहा है जब गंदा वॉशरूम और इतना घटिया खाना है. आप इसे खाना कैसे कह सकते हैं? आपको वास्तव में इस खाने को खाने वाले हर यात्री के रिएक्शन पर गौर करना चाहिए. स्ट्रीट डॉग इस खाने से बेहतर खाना खाते हैं.
एक अन्य ने कहा, "यहां तक कि शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों में भी अनिवार्य फूड सर्विस बंद कर दी गई है, लेकिन प्राइज रेगुलर बढ़ रहे हैं. आप सभी को ऐसा फूड सर्व करने के लिए शर्म आनी चाहिए.
आईआरसीटीसी ने शिकायत पर रिप्लाई करते हुए भूमिका के ट्वीट का जवाब उन्हें 'सर' कहकर दिया. हालांकि, यह काफी स्पष्ट था कि ट्वीट एक महिला द्वारा किया गया था. उन्होंने आगे कहा, "सर, कृपया पीएनआर और मोबाइल नंबर डायरेक्ट मैसेज (डीएम) में साझा करें."
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