
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई रेस्तरां एवं अन्य जगहों पर बिकने या परोसे जाने वाले सभी भारतीय खाद्य उत्पादों में नमक, शर्करा और वसा का नियमन करने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा और इस मामले को देखने के लिए उसने एक विशेषज्ञ समूह का भी गठन किया है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा कि जंक फूड के प्रतिकूल प्रभाव की वजह आमतौर पर इसमें मौजूद वसा, शर्करा और नमक की अत्यधिक मात्रा है, जोकि चिंता का कारण हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूल जाने वाले बच्चों के संबंध में खानपान पर निर्देश या दिशानिर्देश जारी करने का एफएसएसएआई को निर्देश दिया है।
एफएसएसएआई ने एक ताजा आदेश में कहा, यद्यपि कथित दिशानिर्देशों को अलग-अलग जारी किया जा रहा है, यह देखा गया है कि सभी खाद्य उत्पादों की गहन जांच की जरूरत है। इसलिए हमने भारत में खाद्य उत्पादों में नमक, शर्करा और वसा का नियमन करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह गठित करने का निर्णय किया है।
11-सदस्यीय विशेषज्ञ समूह में डॉक्टर, खानपान विशेषज्ञ एवं एम्स, राम मनोहर लोहिया अस्पताल व अन्य संस्थानों के लोग शामिल हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा कि जंक फूड के प्रतिकूल प्रभाव की वजह आमतौर पर इसमें मौजूद वसा, शर्करा और नमक की अत्यधिक मात्रा है, जोकि चिंता का कारण हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूल जाने वाले बच्चों के संबंध में खानपान पर निर्देश या दिशानिर्देश जारी करने का एफएसएसएआई को निर्देश दिया है।
एफएसएसएआई ने एक ताजा आदेश में कहा, यद्यपि कथित दिशानिर्देशों को अलग-अलग जारी किया जा रहा है, यह देखा गया है कि सभी खाद्य उत्पादों की गहन जांच की जरूरत है। इसलिए हमने भारत में खाद्य उत्पादों में नमक, शर्करा और वसा का नियमन करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह गठित करने का निर्णय किया है।
11-सदस्यीय विशेषज्ञ समूह में डॉक्टर, खानपान विशेषज्ञ एवं एम्स, राम मनोहर लोहिया अस्पताल व अन्य संस्थानों के लोग शामिल हैं।
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