
ज्यादातर सुनने में आता है कि सही उम्र में मां बन जाना चाहिए. और यह सही उम्र 30 साल से पहले की मानी जाती है. आज की लाइफ में करियर बनाना हर औरत के लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे में वह बच्चे और परिवार की जिम्मेदारियों को दूसरे नंबर पर रख देती है. लेकिन यह कितना सही है और कितना गलत यह चर्चा का विषय है. ज्यादातर माएं यही सलाह देती हैं कि ज्यादा उम्र में मां बनने पर महिलाओं को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन डॉक्टर्स की मानें तो 40 या इससे अधिक उम्र में मां बनना गलत विचार नहीं है.
बढ़ रही है संख्या : 
स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक अमिता शाह का कहना है कि "40 या इससे अधिक की उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. पिछले साल की तुलना में इसमें 20 से 30 फीसदी तक का बढ़ावा हुआ है. इनमें से अधिकतर महिलाएं उच्च मध्यम वर्ग से हैं और करियर उन्मुख हैं."
करियर और शिक्षा है वजह 
अधिक उम्र में मां बनने का चलन अब सिर्फ पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि भारतीय महिलाएं भी इसे अपना रही हैं. महिलाएं केवल करियर और शिक्षा को लेकर ही इस प्रकार के फैसले नहीं ले रही हैं. इसके अलावा सही जीवनसाथी मिलने में देर और अगर मिल भी जाए तो अच्छे रिश्ते या शादी के बाद जीवन में सही प्रकार से बस जाने के बाद ही महिलाएं मां बनने का फैसला करती हैं.
क्या हो सकती हैं परेशानियां 
30 के बाद या अधिक उम्र में मां बनने पर गर्भावस्था में कई जोखिम होते हैं. इसमें गर्भपात, उच्च रक्तचाप, गर्भकालीन मधुमेह और कम वजन वाले शिशुओं के जन्म का खतरा अधिक होता है. डॉक्ट र्स का कहना है कि मां बनने के लिए महिलाएं जितनी अधिक देरी करती हैं, उन्हें उतनी ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ज्यामदा उम्र में अंडे बनने में समस्याएं, गर्भपात और जन्म से संबंधित परेशानियां अधिक होती हैं. उन्हें आईवीएफ इलाज की जरूरत होती है और 'डोनर एग' इलाज के जरिए अधिक उम्र की महिलाएं गर्भधारण कर पाती हैं.
दोनों पलड़े हैं बराबर

ज्यादा उम्र में मां बनने पर जहां कई समस्याएं सामने आती हैं, तो इसके कई सकारात्मक पहलू भी हैं. 40 की उम्र में माता-पिता बनने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार, धैर्यवान और आत्मनिर्भर होते हैं. वे अधिक अनुभवी, वित्तीय रूप से सक्षम और अपने करियर में सहज होते हैं. अगर ज्या.दा उम्र में गर्भधारण के कई जैविक नुकसान हैं, तो दूसरी ओर इसके कई सामाजिक लाभ भी हैं.
इनुपट आईएएनएस से
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बढ़ रही है संख्या :

स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक अमिता शाह का कहना है कि "40 या इससे अधिक की उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. पिछले साल की तुलना में इसमें 20 से 30 फीसदी तक का बढ़ावा हुआ है. इनमें से अधिकतर महिलाएं उच्च मध्यम वर्ग से हैं और करियर उन्मुख हैं."
करियर और शिक्षा है वजह

अधिक उम्र में मां बनने का चलन अब सिर्फ पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि भारतीय महिलाएं भी इसे अपना रही हैं. महिलाएं केवल करियर और शिक्षा को लेकर ही इस प्रकार के फैसले नहीं ले रही हैं. इसके अलावा सही जीवनसाथी मिलने में देर और अगर मिल भी जाए तो अच्छे रिश्ते या शादी के बाद जीवन में सही प्रकार से बस जाने के बाद ही महिलाएं मां बनने का फैसला करती हैं.
क्या हो सकती हैं परेशानियां

30 के बाद या अधिक उम्र में मां बनने पर गर्भावस्था में कई जोखिम होते हैं. इसमें गर्भपात, उच्च रक्तचाप, गर्भकालीन मधुमेह और कम वजन वाले शिशुओं के जन्म का खतरा अधिक होता है. डॉक्ट र्स का कहना है कि मां बनने के लिए महिलाएं जितनी अधिक देरी करती हैं, उन्हें उतनी ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ज्यामदा उम्र में अंडे बनने में समस्याएं, गर्भपात और जन्म से संबंधित परेशानियां अधिक होती हैं. उन्हें आईवीएफ इलाज की जरूरत होती है और 'डोनर एग' इलाज के जरिए अधिक उम्र की महिलाएं गर्भधारण कर पाती हैं.
दोनों पलड़े हैं बराबर

ज्यादा उम्र में मां बनने पर जहां कई समस्याएं सामने आती हैं, तो इसके कई सकारात्मक पहलू भी हैं. 40 की उम्र में माता-पिता बनने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार, धैर्यवान और आत्मनिर्भर होते हैं. वे अधिक अनुभवी, वित्तीय रूप से सक्षम और अपने करियर में सहज होते हैं. अगर ज्या.दा उम्र में गर्भधारण के कई जैविक नुकसान हैं, तो दूसरी ओर इसके कई सामाजिक लाभ भी हैं.
इनुपट आईएएनएस से
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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