MDH Owner Death: देश की दिग्गज मसाला कंपनी महाशिया दी हट्टी (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल जी (Mahashay Dharampal Gulati) का 97 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था. उनके निधन को लेकर सोशल मीडिया पर ट्वीट्स की बाढ़ आ गई है. लोग पोस्ट शेयर कर उनके निधन पर शोक जता रहे हैं, साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित कर रहे हैं. एमडीएच मसाले के मालिक धर्मपाल गुलाटी (MDH Owner Dharampal Gulati) के निधन को लेकर बिग बॉस 13 के कंटेस्टेंट तहसीन पूनावाला (Tehseen Poonawalla) ने भी ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि दादाजी, जिनकी तस्वीरें कई मां अपे किचन में रखती हैं. इसके साथ ही तहसीन पूनावाला ने कहा कि उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.
The "grand-dad" or "Dadaji" whose pictures most of our moms had in their kitchens and owner of the famous Masala Brand "MDH" - Dharampal Gulati passed away at 98. He will be missed! What a journey he had..so
— Tehseen Poonawalla Official (@tehseenp) December 3, 2020
One more time in his memory....
"MDH MDH"
Om Shantipic.twitter.com/ShngtWhRGh
महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) के निधन को लेकर किया गया तहसीन पूनावाला (Tehseen Poonawalla) का ट्वीट सोशल मीडिया पर लोगों का खूब ध्यान खींच रहा है, साथ ही यूजर इसपर कमेंट भी कर रहे हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने महाशय धर्मपाल गुलाटी को याद करते हुए लिखा, "दादाजी, जिनकी तस्वीरें मां अपने किचन में रखती हैं और मशहूर मसाला ब्रांड एमडीएच के मालिक, धर्मपाल गुलाटी जी ने 97 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. क्या सफर था उनका, इसलिए उनकी याद में एक बार और एमडीएच एमडीएच. ओम शांति."
गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था. 1947 में देश विभाजन के बाद वह भारत आ गए. तब उनके पास महज 1,500 रुपये थे. भारत आकर उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाना शुरू किया. फिर जल्द ही उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई कि दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली जा सके. महाशयां दी हट्टी नाम से बनाई गई मसालों की उनकी कंपनी आज देश के सबसे पहले-पहले मसालों के लिए जाने वाली कंपनियों में से एक है. इस दुकान से मसाले का कारोबार धीरे-धीरे इतना फैलता गया कि आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं. इन फैक्ट्रियों में तैयार एमडीएच मसाले दुनियाभर में पहुंचते हैं. माना जाता है कि गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे.
गुलाटी अपने मसाले का प्रचार खुद करते थे उन्हीं मसालों के प्रचार में से एक सबसे यादकार जिसे आपने बचपन में अक्सर देखा होगा.
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बचपन में आपने ये विज्ञापन खूब देखा होगा, शाही पनीर हो या जलजीरा मसाला.. कसूरी मेथी या देगी मिर्च, असली मसाले सच सच MDH MDH, भारत के अधिंकाश किचन में आपको MDH कंपनी के मसाले जरूर मिलेंगे, फिर चाहे वह पनीर बनाना हो या किचन हर पकवान के लिए एक बेहतरिन स्वाद है इस मसाले में.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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