
- सर्दियों में खान-पान पर ध्यान देना है जरूरी
- तेल और मक्खन वाले खाद्य पदार्थों से बनाएं दूरी
- दो पैग व्हिस्की और रम से बल्ड प्रेशर और ब्लड शुगर में बढ़ सकता है
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कानपुर:
कड़ाके की ठंड और सर्द हवाओं से बचने के लिये हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से पीड़ित लोग थोड़ा एलर्ट रहें क्योंकि यह मौसम उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। शरीर को गर्म रखने के लिए व्हिस्की या रम न पिएं या किसी भी प्रकार की शराब से खुद को दूर रखें। यह उनकी स्वास्थय के लिए अच्छा है।
पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ऐसे में लोगों को खास देखभाल की जरूरत है। डाक्टरों का मानना है कि इस समय पड़ रही ठंड हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिये परेशानी का कारण बन सकती है इसलिए सर्दी से तो बचाव करें ही साथ ही खान-पान पर भी ध्यान दें। तेल और मक्खन से बने खादय पदार्थों से पूरी तरह बचें। और अगर हो सके तो रोज व्यायाम करें लेकिन सूरज निकलने के बाद ही मार्निंग वाक पर जाएं।
शराब से हो सकती है ये समस्या
उनका कहना है कि इसके अलावा इस मौसम में शराब का इस्तेमाल तो बिल्कुल न करें क्योंकि व्हिस्की और रम के दो पैग उस समय तो उनकी ठंड कम कर देंगे लेकिन इससे उनके ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर में अचानक बढ़ोत्तरी हो जाएगी। इस मौसम में ऐसे रोगी एक बार अपने डाक्टर से मिल कर अपनी दवाओं पर जरूर चर्चा कर लें। ऐसा करना उनके लिये लाभदायक ही होगा और हो सके तो डाक्टर के साथ लगातार संपर्क में रहें ।
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलोजी विभाग के प्रोफेसर सुदीप कुमार ने बताया कि सर्दियां बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो खतरनाक होती है लेकिन उन लोगो के लिए सबसे अधिक परेशानी का कारण बनती हैं जो हाई ब्लड प्रेशर या दिल की किसी बीमारी से पीड़ित हों।

इसलिए बढ़ता है ब्लड प्रेशर
डाक्टरों के अनुसार कड़ाके की सर्दी में उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिये सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ठंड की वजह से पसीना नहीं निकलता और शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है । पीजीआई के कार्डियालोजिस्ट प्रो. कुमार ने बताया कि इसके अतिरिक्त सर्दी में ज्यादा काम न करने से शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती है और लोग व्यायाम वगैरह से भी कतराते हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है और फिर बढ़े हुये रक्तचाप के कारण उनमें ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है ।
ऐसे में खून की धमनियों में सिकुड़न की वजह से खून में थक्का जमने की भी आशंका बढ़ जाती है जो कि दिल के रोगियों के लिये परेशानी का कारण बनती है। इस तरह के रोगियों को सर्दी के मौसम में पराठें, पूड़ी और अधिक चिकनाई वाले खादय पदार्थ से बचना चाहिए क्योंकि सर्दी में दिल को आम दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जो कभी-कभी उस पर भारी पड़ जाती है ।
संजय गांधी पीजीआई के डॉ. सुदीप कहते हैं कि इस ठंड के मौसम में उच्च रक्तचाप और दिल के मरीज सुबह सुबह की मार्निंग वॉक से बचें और हो सके तो शाम को वॉक या एक्सरसाइज करें और कम से कम इतना जरूर करे कि वॉक या एक्सरसाइज में आपके शरीर से पसीना निकलने लगे ।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ऐसे में लोगों को खास देखभाल की जरूरत है। डाक्टरों का मानना है कि इस समय पड़ रही ठंड हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिये परेशानी का कारण बन सकती है इसलिए सर्दी से तो बचाव करें ही साथ ही खान-पान पर भी ध्यान दें। तेल और मक्खन से बने खादय पदार्थों से पूरी तरह बचें। और अगर हो सके तो रोज व्यायाम करें लेकिन सूरज निकलने के बाद ही मार्निंग वाक पर जाएं।
शराब से हो सकती है ये समस्या
उनका कहना है कि इसके अलावा इस मौसम में शराब का इस्तेमाल तो बिल्कुल न करें क्योंकि व्हिस्की और रम के दो पैग उस समय तो उनकी ठंड कम कर देंगे लेकिन इससे उनके ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर में अचानक बढ़ोत्तरी हो जाएगी। इस मौसम में ऐसे रोगी एक बार अपने डाक्टर से मिल कर अपनी दवाओं पर जरूर चर्चा कर लें। ऐसा करना उनके लिये लाभदायक ही होगा और हो सके तो डाक्टर के साथ लगातार संपर्क में रहें ।
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलोजी विभाग के प्रोफेसर सुदीप कुमार ने बताया कि सर्दियां बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो खतरनाक होती है लेकिन उन लोगो के लिए सबसे अधिक परेशानी का कारण बनती हैं जो हाई ब्लड प्रेशर या दिल की किसी बीमारी से पीड़ित हों।

इसलिए बढ़ता है ब्लड प्रेशर
डाक्टरों के अनुसार कड़ाके की सर्दी में उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिये सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ठंड की वजह से पसीना नहीं निकलता और शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है । पीजीआई के कार्डियालोजिस्ट प्रो. कुमार ने बताया कि इसके अतिरिक्त सर्दी में ज्यादा काम न करने से शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती है और लोग व्यायाम वगैरह से भी कतराते हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है और फिर बढ़े हुये रक्तचाप के कारण उनमें ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है ।
ऐसे में खून की धमनियों में सिकुड़न की वजह से खून में थक्का जमने की भी आशंका बढ़ जाती है जो कि दिल के रोगियों के लिये परेशानी का कारण बनती है। इस तरह के रोगियों को सर्दी के मौसम में पराठें, पूड़ी और अधिक चिकनाई वाले खादय पदार्थ से बचना चाहिए क्योंकि सर्दी में दिल को आम दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जो कभी-कभी उस पर भारी पड़ जाती है ।
संजय गांधी पीजीआई के डॉ. सुदीप कहते हैं कि इस ठंड के मौसम में उच्च रक्तचाप और दिल के मरीज सुबह सुबह की मार्निंग वॉक से बचें और हो सके तो शाम को वॉक या एक्सरसाइज करें और कम से कम इतना जरूर करे कि वॉक या एक्सरसाइज में आपके शरीर से पसीना निकलने लगे ।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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