
- हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से कई परिवार प्रभावित हुए हैं
- सिराज घाटी के थुनांग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है
- इस घटना में 10 लोगों की मौत हुई और कई लोग लापता हैं
- बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई
हिमाचल प्रदेश के मंडी के सिराज घाटी में बादल फटने की घटना से हुए नुकसान और मृतकों के परिवारों को संवेदना जताने मंडी की बीजेपी सांसद कंगना रनौत पहुंची हैं. बता दें कि सिराज घाटी के थुनांग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. यहां 10 लोगों की मौत हुई और कईयों के लापता होने की खबर आई है. मंडी की सांसद कंगना रनौत ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते कहा कि अब तक सारी मदद केंद्र सरकार के तरफ से ही आई है.
कंगना रनौत ने हिमाचल के मंडी में मची तबाही के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं जो काम कर रही हूं वो मैं जानती हूं लेकिन ये जो काम कर रहे हैं इसके बाद मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस की सरकार वापस आएगी. साथ ही हम कोशिश करेंगे कि उनकी वो फिर से अपने पांव पर खड़े हो सकें. लेकिन इसके साथ जो दुख उन्होंने झेले हैं, अपने परिवार खोएं हैं उसमें हम उनके साथी हैं और उनके साथ खड़े हैं".
उन्होंने कहा, "लोगों की पीढ़ा देखकर दिल बहुत दुखता है और हम लोग इसे ठीक करेंगे लेकिन जो लोग चले गए हैं. जिस तरह से लोग विस्थापित हो चुके हैं और उनके घर चले गए हैं तो ऐसे में हम यहां उन्हें बस सांतवना ही दे सकते हैं. उन्होंने कहा, कांग्रेस की सरकार मुझे ही याद करती रहती है और इस वजह से मुझे भी बार-बार बताने में संकोच होता है कि जो राज्य सरकार के काम हैं वो उन्हें ही करने होंगे लेकिन हमारे पास कोई कैबिनेट नहीं है. हम उनकी तरह काम नहीं कर सकते हैं".
कंगना रनौत ने कहा, "हम केंद्र सरकार के काम को लेकर यहां आए हैं, चाहे उन्होंने आर्मी भेजी हो या राशन भेजा हो, ये सभी केंद्र सरकार दे रही है. सांसद होने के नाते मेरा काम है कि मैं उन्हें स्थिति का ब्यौरा दूं और उनसे रिलीफ फंड की मांग करूं. हमने पिछली बार भी दिया था और वो राज्य सरकार को ही जाता है और मैं उम्मीद करूंगी की इस बार रिलीफ फंड सीधे लोगों तक पहुंचे".
उन्होंने कहा, "यहां पर जिस तरह से नुकसान हुआ है, उसका पूरा ब्यौरा उन्हें दूंगी". यहां सबसे ज्यादा सड़कों का नुकसान हुआ है और इसमें सांसद का कुछ लेना देना नहीं है. ये सब राज्य के काम हैं. हालांकि, उन्हें लगता है कि कंगना ही उनका काम कर दे. एक एमपी का काम पार्लियामेंट में होता है. एमपी का काम कानून बनाने से जुड़ा होता है. मैं सेंट्रल और राज्य के बीच का एक लिंक हूं लेकिन राज्य के काम राज्य के ही होते हैं.
कंगना ने कहा, "मेरी जो मंशा है और मेरा जो काम है. हमने लाहोल स्पिति को दो सो करोड़ के प्रोजेक्ट दिए हैं लेकिन ये जो काम कर रहे हैं इसके बाद मुझे नहीं लगता कि यहां अगले बीस सालों में कांग्रेस की सरकार आएगी".
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