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Guru Purnima: गुरु पूर्णिमा पर प्रसाद के लिए इस तरह से तैयार करें पंचामृत, नोट करें रेसिपी

Guru Purnima 2024: इस साल 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. माना जाता है कि वह गुरु ही होता है जो इंसान को भगवान से मिलाता है.

Guru Purnima: गुरु पूर्णिमा पर प्रसाद के लिए इस तरह से तैयार करें पंचामृत, नोट करें रेसिपी
Guru Purnima: इस साल 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी.

Guru Purnima 2024 Date: गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस साल 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. माना जाता है कि वह गुरु ही होता है जो इंसान को भगवान से मिलाता है. हिंदू धर्म में गुरु को सर्वश्रेष्‍ठ स्‍थान दिया जाता है. गुरु को ईश्वर से भी पहले पूजा जाता है, क्योंकि वह गुरु ही होता है, जो संसार के अंधेरों से निकाल कर सत्य के मार्ग पर ले जाता है. सिख धर्म में भी गुरु को सर्वोपरि माना गया है. गुरु को समर्पित करते हुए गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. आपको बता दें कि हिन्‍दू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) मनाई जाती है. 

गुरु पूर्णिमा पर कैसे बनाएं चरणामृत- (How To Make Panchamrit In Guru Purnima)

चरणामृत या पंचामृत 5 चीजों से मिलकर बनाया गया एक मीठा ड्रिंक होता है. यही वजह है कि इसे पंचामृत भी कहा जाता है. 'पंच' संस्कृत का शब्द है, जिसका मतलब होता है पांच और अमृत का मतलब है वह ड्रिंक जो मृत्यू से मुक्ति दिलाए. चरणामृत को बहुत ही कम समय में आसानी से बनाया जा सकता है. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें. 

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गुरु पूर्णिमा तिथि और समयः (Guru Purnima 2024 Date And Time Of Buddha Purnima)

इस साल 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई शाम 05:59 पर शुरू हो रही है और यह तिथि 21 जुलाई दोपहर 03:45 पर समाप्त होगी. 

गुरु पूर्णिमा का महत्व- (Importance Of Guru Purnima)

माना जाता है कि आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्‍याख्‍याता महर्षि  कृष्‍ण द्वैपायन व्‍यास जिन्हें महर्षि वेद व्‍यास के नाम से जाना जाता है, का जन्‍म हुआ था. महर्षि वेद व्यास ने ही वेदों को विभाजित किया था. वेद को आदिगुरु माना जाता है, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. वेद व्यास संस्कृत के महान विद्वान थे. संस्कृत के महाकाव्य महाभारत की रचना भी उन्होंने ही की थी. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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