
खुद को हेल्दी रखने के लिए एक संतुलित डाइट लेना जरूरी है, जिसमें कम से कम तीन से चार बार मौसमी फलों का सेवन होना चाहिए. फलों का जूस पीने से अच्छा है, उन्हें सीधा खाया जाए, क्योंकि साबूत फल फाइबर से भरे होते हैं. ऐसा नहीं है कि गर्मी में आने वाले सारे फल ठंडे तासीर के होते हैं, इसलिए उनके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है. गर्मियों में आने वाले फलों में 80-90 प्रतिशत तक पानी होता है. उनमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है. इनमें फैट की मात्रा न के बराबर होती है.
बढ़ती गर्मी, चिलचिलाती धूप और उमस लोगों को डिहाइड्रेशन और बदहजमी का शिकार बना देती है. ऐसे में हमें चाहिए कि खाने-पीने की आदतों पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि गर्मी के दौरान आपकी रोगों से लड़ने की क्षमता बनी रहे. गर्मियों में हाइड्रेट रहने के लिए हमें ज़्यादा पानी पीने की जरूरत होती है, इसलिए अपनी डाइट में फलों को जरूर शामिल करें.
आइए जानें जिन फलों को आप अपनी डाइट में शामिल करते हैं, आखिर उनकी तासीर क्या कहती है और कैसे करें उन्हें अपनी डाइट में शामिल.
तरबूज
हर घर में नजर आने वाले तरबूज के अनेक फायदे होते हैं. इसकी तासीर ठंडी होती है. यह फल पानी और इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर होता है और हमारी पाचन प्रक्रिया और किडनी के लिए भी यह एक अच्छा फल है. यह डिहाइड्रेशन से बचाता है. इसमें बहुत कम कैलरी होती है और लाइकोपीन ज़्यादा होता है, जो सूर्य की किरणों से त्वचा की रक्षा करता है. यही नहीं, यह गर्मी से लड़ने में भी हमारी मदद करता है. इसमें विटामिन ए और विटामिन सी की काफी मात्रा होती है, जो कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है. इसके साथ ही, यह शरीर को डी-टॉक्स करने में भी मदद करता है, लेकिन खाने से दो-तीन घंटे पहले और बाद में तरबूज खाने से परहेज करना चाहिए.
आलूबुखारा
यह छोटा-सा आलूबुखारा कई गुणों की खान है. इसकी तासीर ठंडी होती है. यह विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होता है. इसमें मौजूद फाइबर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, यह आंखों के लिए भी अच्छा होता है. गर्मियों में अक्सर लोगों को नकसीर फूटने (नाक से खून आना) की समस्या हो जाती है. ऐसे में रोज एक आलूबुखारा खाने से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं. आलूबुखारे में ऑक्सालिक एसिड होता है, इसलिए जिन लोगों को पत्थरी हो, वह आलूबुखारा न खाएं.

आम
फलों का राजा कहे जाने वाले आम की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसे ज़्यादा खाने से परहेज करना चाहिए. इसमें आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और पोटेशियम होता है. यह बदहजमी, पाचन शक्ति और कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है. जहां पके हुए आम की तासीर गर्म होती है, वहीं कच्चे आम की तासीर ठंडी होती है, इसलिए आमपन्ना बनाने के लिए कच्चे आम का इस्तेमाल किया जाता है. वे लोग जो वजन कम करना चाहते हैं और डायबिटीज़ के मरीजों को इसे खाने से परहेज करना चाहिए.
लीची
सभी के दिल को भाने वाली लीची की तासीर हल्की गर्म होती है. इसमें विटामिन बी, सी, मिनरल्स, पोटेशियम, कॉपर होते हैं. यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करती है. यह पानी का अच्छा स्रोत मानी जाती है. वजन कम करने वाले लोग और डायबिटीज़ रोगी इससे दूरी बनाएं रखें.

अनानास
अनन्नास की तासीर ठंडी होती है, जो कि प्रोटीन और वसा पचाने में मदद करता है. इसमें फाइबर होता है, जो कब्ज से निजात दिलाता है. साथ ही, यह जलन विरोधी होता है, जो शरीर को बीमारियों से बचाता है.
खुबानी (Apricot)

यह विटामिन सी, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है, इसलिए यह त्वचा, एनीमिया (रक्तहीनता) के लिए अच्छा होता है. जहां सूखी खुबानी गर्म होती है, वहीं ताजी खुबानी की तासीर ठंडी होती है.
केला
इसकी तासीर ठंडी होती है. यह पोटेशियम से भरपूर होता है, इसलिए यह रक्त प्रवाह को बनाए रखने और कम करने में मदद करता है. कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों और दांतों के लिए अच्छा होता है. इसमें पानी की मात्रा कम और कैलोरी की मात्रा ज़्यादा होती है, इसलिए मधुमेह के रोगी और वजन घटाने वाले लोग इसे खाने से परहेज करते हैं. जुख़ाम से पीड़ित लोगों को केले से दूर रहना चाहिए.

संतरा
संतरा की तासीर ठंडी होती है, इसलिए सर्दियों में इसे धूप में बैठकर खाया जाता है. इसमें थिआमिन, फोलटे (विटामिन बी होता है, जो कोशिकाओं के विकास में मदद करता है), विटामिन सी, बेटाकारोनेट से भरपूर होता है. इसके साथ ही, जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए इसमें मौजूद फाइबर फायदेमंद रहते हैं.

आड़ू
आड़ू की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे संतुलन के साथ खाना बेहतर रहता है. इनमें बीटा कैरोटिन, विटामिन सी होता है, जो एनीमिया कम करने में मदद करता है. यही नहीं, इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं.
खरबूजा
खरबूजे की तासीर ठंडी होती है. यह पानी का अच्छा स्रोत है. इसनें विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, जिंक होता है, जो स्वस्थ त्वचा के लिए सहायक हैं.

पपीता
इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसे खाने से मना किया जाता है या फिर थोड़ी मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है. इनमें पपेन नामक एंजाइम होता है, जो उचित पाचन में मदद करता है. वजन घटाने और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए पपीता बेस्ट ऑप्शन है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और फ़ोलेट होता है. यह एक कैंसर विरोधी फल है, जो कि शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद करता है.
सेब
बारह महीने बाजार में मिलने वाले सेब की तासीर न तो ज़्यादा ठंडी होती, न ही गर्म. इसमें फाइबर, कैल्शियम, विटामिन ए पाया जाता है. यह कब्ज़ की परेशानी दूर करने और वजन घटाने में सहायक है.
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बढ़ती गर्मी, चिलचिलाती धूप और उमस लोगों को डिहाइड्रेशन और बदहजमी का शिकार बना देती है. ऐसे में हमें चाहिए कि खाने-पीने की आदतों पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि गर्मी के दौरान आपकी रोगों से लड़ने की क्षमता बनी रहे. गर्मियों में हाइड्रेट रहने के लिए हमें ज़्यादा पानी पीने की जरूरत होती है, इसलिए अपनी डाइट में फलों को जरूर शामिल करें.
आइए जानें जिन फलों को आप अपनी डाइट में शामिल करते हैं, आखिर उनकी तासीर क्या कहती है और कैसे करें उन्हें अपनी डाइट में शामिल.
तरबूज
हर घर में नजर आने वाले तरबूज के अनेक फायदे होते हैं. इसकी तासीर ठंडी होती है. यह फल पानी और इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर होता है और हमारी पाचन प्रक्रिया और किडनी के लिए भी यह एक अच्छा फल है. यह डिहाइड्रेशन से बचाता है. इसमें बहुत कम कैलरी होती है और लाइकोपीन ज़्यादा होता है, जो सूर्य की किरणों से त्वचा की रक्षा करता है. यही नहीं, यह गर्मी से लड़ने में भी हमारी मदद करता है. इसमें विटामिन ए और विटामिन सी की काफी मात्रा होती है, जो कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है. इसके साथ ही, यह शरीर को डी-टॉक्स करने में भी मदद करता है, लेकिन खाने से दो-तीन घंटे पहले और बाद में तरबूज खाने से परहेज करना चाहिए.
आलूबुखारा
यह छोटा-सा आलूबुखारा कई गुणों की खान है. इसकी तासीर ठंडी होती है. यह विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होता है. इसमें मौजूद फाइबर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, यह आंखों के लिए भी अच्छा होता है. गर्मियों में अक्सर लोगों को नकसीर फूटने (नाक से खून आना) की समस्या हो जाती है. ऐसे में रोज एक आलूबुखारा खाने से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं. आलूबुखारे में ऑक्सालिक एसिड होता है, इसलिए जिन लोगों को पत्थरी हो, वह आलूबुखारा न खाएं.

आम
फलों का राजा कहे जाने वाले आम की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसे ज़्यादा खाने से परहेज करना चाहिए. इसमें आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और पोटेशियम होता है. यह बदहजमी, पाचन शक्ति और कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है. जहां पके हुए आम की तासीर गर्म होती है, वहीं कच्चे आम की तासीर ठंडी होती है, इसलिए आमपन्ना बनाने के लिए कच्चे आम का इस्तेमाल किया जाता है. वे लोग जो वजन कम करना चाहते हैं और डायबिटीज़ के मरीजों को इसे खाने से परहेज करना चाहिए.
लीची
सभी के दिल को भाने वाली लीची की तासीर हल्की गर्म होती है. इसमें विटामिन बी, सी, मिनरल्स, पोटेशियम, कॉपर होते हैं. यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करती है. यह पानी का अच्छा स्रोत मानी जाती है. वजन कम करने वाले लोग और डायबिटीज़ रोगी इससे दूरी बनाएं रखें.

Photo Credit: iStock
अनानास
अनन्नास की तासीर ठंडी होती है, जो कि प्रोटीन और वसा पचाने में मदद करता है. इसमें फाइबर होता है, जो कब्ज से निजात दिलाता है. साथ ही, यह जलन विरोधी होता है, जो शरीर को बीमारियों से बचाता है.
खुबानी (Apricot)

यह विटामिन सी, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है, इसलिए यह त्वचा, एनीमिया (रक्तहीनता) के लिए अच्छा होता है. जहां सूखी खुबानी गर्म होती है, वहीं ताजी खुबानी की तासीर ठंडी होती है.
केला
इसकी तासीर ठंडी होती है. यह पोटेशियम से भरपूर होता है, इसलिए यह रक्त प्रवाह को बनाए रखने और कम करने में मदद करता है. कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों और दांतों के लिए अच्छा होता है. इसमें पानी की मात्रा कम और कैलोरी की मात्रा ज़्यादा होती है, इसलिए मधुमेह के रोगी और वजन घटाने वाले लोग इसे खाने से परहेज करते हैं. जुख़ाम से पीड़ित लोगों को केले से दूर रहना चाहिए.

संतरा
संतरा की तासीर ठंडी होती है, इसलिए सर्दियों में इसे धूप में बैठकर खाया जाता है. इसमें थिआमिन, फोलटे (विटामिन बी होता है, जो कोशिकाओं के विकास में मदद करता है), विटामिन सी, बेटाकारोनेट से भरपूर होता है. इसके साथ ही, जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए इसमें मौजूद फाइबर फायदेमंद रहते हैं.

आड़ू
आड़ू की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे संतुलन के साथ खाना बेहतर रहता है. इनमें बीटा कैरोटिन, विटामिन सी होता है, जो एनीमिया कम करने में मदद करता है. यही नहीं, इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं.
खरबूजा
खरबूजे की तासीर ठंडी होती है. यह पानी का अच्छा स्रोत है. इसनें विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, जिंक होता है, जो स्वस्थ त्वचा के लिए सहायक हैं.

पपीता
इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसे खाने से मना किया जाता है या फिर थोड़ी मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है. इनमें पपेन नामक एंजाइम होता है, जो उचित पाचन में मदद करता है. वजन घटाने और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए पपीता बेस्ट ऑप्शन है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और फ़ोलेट होता है. यह एक कैंसर विरोधी फल है, जो कि शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद करता है.
सेब
बारह महीने बाजार में मिलने वाले सेब की तासीर न तो ज़्यादा ठंडी होती, न ही गर्म. इसमें फाइबर, कैल्शियम, विटामिन ए पाया जाता है. यह कब्ज़ की परेशानी दूर करने और वजन घटाने में सहायक है.
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