भारतीय संस्कृति में सदियों से खाना मिट्टी के बर्तनों में पकाया जाता आ रहा है. लेकिन मार्डन समय में इनका इस्तेमाल कम होने लगा. लेकिन हाल के वर्ष में आपने देखा होगा कि एक बार फिर से मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल बढ़ा है. मिट्टी के बर्तनों में पका खाना न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि सेहत के लिए भी कमाल माना जाता है. मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने का तरीका बेजोड़ है. धीमी आंच, भाप का हल्का प्रवाह और मिट्टी की सुगंध मिलकर हर सामग्री के स्वाद को और भी गहरा कर देते हैं. जिससे साधारण व्यंजन भी मन को खुश कर देते हैं. गली-मोहल्ले के ड्रिंक से लेकर शाही बिरयानी और क्रीमी मिठाइयों तक, कई भारतीय डिश आज भी पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों में तैयार और सर्व की जाती है. तो चलिए जानते हैं.
यहां 4 क्लासिक व्यंजन दिए गए हैं जो मिट्टी के बर्तनों में तैयार किए जाते हैं- Here Are 4 Classic Clay Pots Dishes)
1. कुल्हड़ चाय- (Kulhad Chai)

भारतीय लोगों के लिए चाय सिर्फ चाय नहीं है और गरम चाय से भरे कुल्हड़ को हथेलियों में पकड़ने जैसा सुकून शायद ही किसी और चीज़ में मिले. मिट्टी के बर्तन में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जो चाय की नमी को सोख लेते हैं, जिससे भाप प्राकृतिक रूप से बाहर निकलती है और सुगंध और भी बढ़ जाती है. इसका नतीजा यह होता है कि चाय स्वादिष्ट बनती है, जिसमें हल्की सी मिट्टी की महक होती है.
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2. शाही कुल्हड़ फिरनी- (Shahi Kulhad Phirni)

फिरनी का स्वाद तो हर किसी को पसंद होता है. लेकिन कुल्हड़ में सर्व की गई फिरनी का स्वाद ही अलग होता है. जब गाढ़े दूध के मिश्रण को छोटे मिट्टी के बर्तनों में डालकर ठंडा किया जाता है, तो मिट्टी धीरे-धीरे नमी सोख लेती है, जिससे फिरनी अधिक गाढ़ी और मलाईदार हो जाती है. इसकी ठंडक इलायची और केसर का फ्लेवर इसके स्वाद को भी बढ़ा देता है, जिससे हर चम्मच लाजवाब लगती है.
3. दम बिरयानी- (Dum Biryani)
दम बिरयानी का लाजवाब स्वाद धीमी आंच पर पकाने से आता है, जिसके लिए मिट्टी के बर्तन एकदम सही होते हैं. एक सील बंद मिट्टी की हांडी भाप को बेहतरीन तरीके से रोकती है, जिससे चावल फूले-खिले बनते हैं, मसालों का स्वाद उभर कर आता है और मीट नरम हो जाता है. चाहे हैदराबादी हो, लखनऊ की हो या कोलकाता की, मिट्टी की हांडी में बनी बिरयानी की खुशबू हर किसी को पसंद आती है.
4. मटका चिकन करी- (Matka Chicken Curry)

मिट्टी के बर्तन न सिर्फ मीठे स्वाद को बढ़ाते हैं, बल्कि नमकीन व्यंजनों का स्वाद भी लाजवाब बना देते हैं. मटका चिकन करी को धीमी आंच पर तब तक पकाया जाता है जब तक मीट जूसी न हो जाए और मसाले मिलकर एक संतुलित ग्रेवी न बना लें. यह धीरे-धीरे गर्म होता है, जिससे कुछ भी चिपकता या जलता नहीं है, और भाप का लगातार स्वाद को और भी गहरा कर देता है. मटका चिकन करी को गरमा गरम रोटी या चावल के साथ पेयर किया जाता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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