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This Article is From Oct 06, 2019

Navratri 2019: अष्टमी के दिन क्यों बनाते हैं साबूदाना? जानें रेसिपी, Ashtami का महत्व, पूजा का समय

Navratri 2019: कई लोग अष्टमी (Ashtami 2019) को काफी धूम-धाम से मनाते हैं. बंगाली इसे दुर्गा पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन भी मानते हैं. अष्टमी कब है? अष्टमी तिथि और पूजा का समय यहां पढ़िए.

Navratri 2019: अष्टमी के दिन क्यों बनाते हैं साबूदाना? जानें रेसिपी, Ashtami का महत्व, पूजा का समय
Navratri 2019: यहां जानें कब है अष्टमी और क्या है पूजा का समय

Navratri 2019: साबूदाना सबसे ज़्यादा लोग व्रत के समय खाना पसंद करते हैं. इसमें स्टार्च की मात्रा होती है, जो आपका पेट लंबे समय तक भरा रखती है. हल्के मसालों में तैयार किया गया सागो या साबूदाना नवरात्रि में खाया जाता है. नवरात्रि के दौरान साबूदाने की खिचड़ी खूब चाव से खाई जाती है. पूरे देश में शरद नवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. कई लोग ये जानना चाहते होंगे कि अष्टमी कब है (When Is Ashtami). यहां हम बताएं अष्टमी की तिथि नवरात्रि और पूजा का समय (Ashtami Date and Puja Time). नवरात्रि (Navratri 2019) के पांचवें दिन स्कंदमाता (Skandmata) की पूजा की जाती है. स्‍कंदमाता को वात्‍सल्‍य की मूर्ति माना जाता है. मान्‍यता है कि इनकी पूजा करने से संतान योग की प्राप्‍ति होती है. हिन्‍दू मान्‍यताओं में स्‍कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्‍ठात्री देवी हैं. कहते हैं कि जो भक्‍त सच्‍चे मन और पूरे विधि-विधान से स्‍कंदमाता की पूजा करता है उसे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्‍ति होती है. भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है. भक्त इन शुभ दिनों पर देवी के नौ अवतारों की पूजा करते हैं. नवरात्रि का आठवां दिन अष्टमी है. कई घरों में अष्टमी बहुत धूम-धाम से मनाई जाती है. बंगाली इसे दुर्गा पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन भी मानते हैं. आठवें दिन मां गौरी की पूजा के बाद बंटने वाले प्रसाद में साबूदाना की खिचड़ी बनाई जाती है, जो लोग आठवें दिन कंजका खिलाते हैं वह भी इस खिचड़ी को प्रसाद के रूप में बना सकते हैं. तो आए जानते हैं साबूदाना खिचड़ी कैसे बनती है-  

साबूदाना खिचड़ी बनाने की रेसिपी जानने के लिए क्लिक करें

अष्टमी कब है? अष्टमी तिथि और पूजा का समय (When Is Ashtami? Ashtami Date and Puja Time):

इस साल अष्टमी 6 अक्टूबर 2019 को पड़ रही है 

अष्टमी तीथि शुरू होगी- सुबह: 09:51 बजे से 05 अक्टूबर 2019 से

अष्टमी तिथि समाप्त होगी- 10:54 पूर्वाह्न 06 अक्टूबर 2019 तक 

संध्या पूजा मुहूर्त- सुबह 10:30 बजे से 11:18 बजे तक

(सोर्स: दृकपंचांग.कॉम)

अष्टमी यानि नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन कुछ लोग कन्या पूजन या कंजक भी करते हैं. इसमें नौ लड़कियों को अपने घर पर बुलाकर उनके पैर धोतें हैं और इन लड़कियों को हलवा, काले, चने का प्रसाद परोसा जाता है. उन्हें क्लिप, टिफिन बॉक्स जैसे सुंदर गिफ्ट भी दिए जाते हैं. इन नौ लड़कियों को दुर्गा के अवतार के रूप में देखा जाता है. 

बंगालियों के लिए, दुर्गा अष्टमी इस त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है. लोग नए कपड़े पहनते हैं. सुबह-सुबह पंडाल फहराते हैं, जिसमें वे देवी को सुगंधित फूल चढ़ाते हैं. महाष्टमी का एक मुख्य आकर्षण है, षोडशोपचार पूजा, जिसमें देवी दुर्गा की मिट्टी की मूर्ति के आगे नौ मिट्टी के बर्तन रखे जाते हैं. कहा जाता है कि यह अनुष्ठान दुर्गा के नौ रूपों का आह्वान के लिए किया जाता है. महाष्टमी के दिन की दोपहर काफी खास मानी जाती है, क्योंकि लोग स्वादिष्ट अष्टमी भोग के लिए एक बार फिर से इकट्ठा होते हैं, जिसमें खिचड़ी से लेकर पुलाव, सब्जी से लेकर पनीर या चना का भोग होता है. 

अष्टमी के दिन पुजारियों द्वारा 'पूजा' और 'संध्या विशेष रूप से की जाती हैं. देवी दुर्गा के हथियारों की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि दस हथियारों की मदद से उन्होंने राक्षस महिषासुर को हराया था. 

सभी को नवरात्रि, अष्टमी और दुर्गा पूजा की ढेर सारी शुभकामनाएं! 

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