Dussehra 2020: नवरात्रि समाप्त होने के ठीक दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. दशहरे को बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है. दशहरा दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्याहारों में से एक है. क्योंकि दशहरे के श्री राम ने लंका के राजा रावन का अंत किया था. दशहरे को विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इस दिन महिषासुर का भी अंत हुआ था. इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए इसे विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है. दशहरा इस साल 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस साल अधिकमास यानि मलमास पड़ने के कारण सभी त्योहार देर से आएंगे. दशहरे के त्योहार को पूरे देश में बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
दशहरे का शुभ मुहूर्तः
दशमी तिथि प्रारंभ - 25 अक्टूबर को सुबह 07:41 मिनट से
विजय मुहूर्त - दोपहर 01:55 मिनट से 02 बजकर 40 तक
अपराह्न पूजा मुहूर्त - 01:11 मिनट से 03:24 मिनट तक
दशमी तिथि समाप्त - 26 अक्टूबर को सुबह 08:59 मिनट तक रहेगी
विजय दशमी पर पूजा करने से मिलता है मां दुर्गा का आशीर्वादः
विजय दशमी के दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती हैं. माना जाता है, कि इस दिन पूजा करने से सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होता है, और जीवन में विजय की प्राप्त होती है. नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अद्भुत मानी जाती है.
दशहरे को बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है.
दशहरे के दिन होती है शस्त्र पूजाः
इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए. इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा लाभदायक माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन अस्त्र शस्त्र की पूजा करने से मां दुर्गा उनपर अपनी कृपा बरसाती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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