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This Article is From Oct 04, 2019

Durga Puja 2019: कब है दुर्गा पूजा, महत्व, क्या हो मां के प्रसाद में खास, और दोस्तों को भेजें ये खास SMS और Wishes

Durga Puja 2019: दुर्गा पूजा (Durga Puja) को दुर्गोत्सव या शरदोत्सव (Sharadotsav 2019) भी कहा जाता है. यह एक हिन्दू पर्व है, जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा (Maa Durga) की पूजा की जाती है. इसमें 6 दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी (Vijayadashami) के रूप में मनाया जाता है.

Durga Puja 2019: कब है दुर्गा पूजा, महत्व, क्या हो मां के प्रसाद में खास, और दोस्तों को भेजें ये खास SMS और Wishes
Durga Puja 2019: दुर्गा पूजा 2019 में 4 अक्टूबर (षष्ठी) से 8 अक्टूबर (विजयादशमी) तक चलेगा.

Durga Puja 2019: दुर्गा पूजा (Durga Puja) को दुर्गोत्सव या शरदोत्सव (Sharadotsav 2019) भी कहा जाता है. यह एक हिन्दू पर्व है, जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा (Maa Durga) की पूजा की जाती है. इसमें 6 दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी (Vijayadashami) के रूप में मनाया जाता है. हाल ही लोगों ने अपने प्रिय भगवान गणेश को 10 दिन के समारोह के बाद खुशी के साथ विदा किया. वहीं अब दूसरी ओर भारत में इन दिनों दुर्गा पूजा (Durga Puja 2019) की अलग ही रौनक देखने को मिल रही है. दुर्गा पूजा (Durga Puja) वैसे तो पूरे उत्तर भारत में धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर, ओडिशा, असम, बिहार और झारखंड में धूमधाम से मनाई जाती है. 

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दुर्गा पूजा बंगालियों (Durga Puja in Bengal) का काफी बड़ा त्योहार होता है चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की तैयारियां वे लोग महीने भर पहले से कर देते हैं जिसमें पंडाल से लेकर कल्चर एक्टविटी गायन, नृत्य, पेटिंग जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. इतना ही नहीं इस अवसर के लिए लोग नए कपड़े भी खरीदते हैं. सदियों से बंगाल में दुर्गा पूजा का बहुत महत्व रहा है. इसे मौके पर लोग अपने परिजनों और दोस्तों को शुभकामनाएं देते हैं. इसे साथ ही फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया साइट पर भी लोग मैसेज और स्टेटस शेयर करते हैं. तो अगर आप भी सोच रहे हैं कि कुछ संदेश दोस्तों से साझा किए जाएं तो कुछ संदेश हम आपको नीचे बता रहे हैं- 

दुर्गा पूजा 2019 पर अपनों को व्हाट्सएप, फेसबुक पर भेजें ये मैसेज और विश Durga Puja Messages | Durga Puja Wishes, SMS - Dreetings

देवी मां कुछ यूं आपके घर में आएं,
आप पूतों फलें दूधों नहाएं 
परेशानियां आपसे आंखें चुराएं
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
Happy Durga Puja 2019

मां की आराधना का त्योहार आया है,
मां के नौ रूपों को मनाने को वार आया है,
बिगड़े काम बनवा लो,
फिर एक बार घर पूरा संसार आया है
Happy Durga Puja 2019

मां दुर्गा की कृपा आप पर जमकर बरसे,
आप जीवन में न किसी चीज के लिए तरसें, 
जीवन सदा हंसता मुस्कुराता रहें
Happy Durga Puja 2019

दुर्गा पूजा कब है | When is Durga Puja

शरद नवरात्रि (Navratri) में षष्‍ठी से लेकर दशमी तक दुर्गा उत्‍सव (Durga Utsav) मनाया जाता है. अब अगर आप यह सोच रहे हैं कि दुर्गा पूजा कब है (When is Durga Puja), तो बता दें कि दुर्गा पूजा 2019 में 4 अक्टूबर (षष्ठी) से 8 अक्टूबर (विजयादशमी) तक चलेगा. 

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Durga Puja 2019: दुर्गा पूजा बंगालियों का काफी बड़ा त्योहार होता है

दुर्गा पूजा का पौराणिक महत्व और कथा - Significance of Durga Puja And Katha

दुर्गा पूजा की कथा या कहानी (Durga Puja Katha) : दुर्गा पूजा को यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. दुर्गा पूजा (Durga Puja) का त्योहार देवी दुर्गा (Maa Durga) और राक्षस महिषासुर (Mahishasur) के बीच हुए युद्ध के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. कहते हैं कि महिषासुर नाम का एक राक्षस था. जिसने सालों तक तपस्या की और भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वरदान मांगा. महिषासुर की भक्ति से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे कई वरदान दिए और अमरत्व की जगह उन्हें यह वरदान दिया कि उसकी मृत्यु स्त्री के हाथों होगी. ब्रह्मा जी से यह वरदान पाकर महिषासुर काफी प्रसन्न हो गया और सोचने लगा की किसी भी स्त्री में इतनी ताकत नहीं है, जो उसके प्राण ले सकें.

इसी विश्वास के साथ महिषासुर ने अपनी असुर सेना के साथ देवों के विरूद्ध युद्ध छेड़ दिया, जिसमें देवों की हार हो गई और सभी देवगण मदद के लिए त्रिदेव यानी भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु के पास पहुंचें. तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति से देवी दुर्गा को जन्म दिया जिसके बाद दुर्गा ने राक्षस महिषासुर से युद्ध कर उसका वध किया, तो इस तरह से महिषासुर एक स्त्री के हाथों मारा गया. इस तरह बुराई पर अच्छाई की जीत हुई. इसके अलावा इस त्योहार को फसल से जोड़कर भी देखा जाता है जो दुर्गा माता के जीवन और सृजन रूप को भी चिन्हित करता है.

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Durga Puja 2019: पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

 

कैसे और कब मनाया जाता है दुर्गा पूजा | How is Durga Puja Celebrated in Kolkata

पंचमी या षष्ठी वाले दिन पंडाल में स्थापित देवी दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिक और भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है. कोलकाता में दुर्गा पूजा का अपना अलग ही रूप होता है. यहं पूजा से पहले कई पंडालों में स्थानीय महिलाओं द्वारा आनंद मेला की व्यवस्था की जाती है. इसमें स्वादिष्ट चॉप, कटलेट्स, फिटर्स, मिठाईयों के अलावा कई मजेदार स्नैनक खाने को मिलते हैं, अगर आप सच में खाने के शौकीन है तो एक बार आनंद मेले के उत्सव में जरूर जाएं.

कैसे रखें दुर्गा पूजा का व्रत | Durga Puja Fast – Rituals

दूर्गा पूजा वाले दिन लोग व्रत रखते हैं. इस दिन मां को मानने वाले भक्त सुबह जल्दी उठकर दुर्गा अंजली होने तक उपवास करते हैं. यह व्रत फल और मिठाई खाकर तोड़ा या खोला जाता है. व्रत खोलने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत होती है. 

दोपहर में मां दुर्गा को पारंपरिक भोग लगाया जाता है, जिसमें खिचड़ी, पापड़, मिक्स वेजिटेबल, टमाटर की चटनी, बैंगन भाजा के साथ रसगुल्ला भोग लगाया जाता है. 

अष्टमी वाले दिन की पूजा को बहुत महत्व दिया जाता है. यह पूजा का सबसे अहम दिन माना जाता है. अष्टमी के दिन भोग में कुछ बेहद खास चीजें तैयार की जाती है. इस दिन खिचड़ी की जगह चावल, चना दाल, पनीर की सब्जी, मिक्स वेजिटेबल, बैंगन भाजा, टमाटर की चटनी, पापड़, राजभोग और पेयश भोग में चढ़ाया जाता है. 

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