Chandra Grahan 2020: साल का आखिरी चंद्रग्रहण 30 नवंबर 2020 (सोमवार) को लगेगा. इस साल कुल 6 ग्रहण थे, जिसमें से एक चंद्रग्रहण नवंबर और एक सूर्य ग्रहण दिसंबर में लगेगा. चंद्रग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहा जाता है. इसलिए ग्रहण लगने से पहले किसी भी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित होता है. कई विद्वानों का मत है. सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरु होता है, और ग्रहण खत्म होने के साथ ही खत्म हो जाता है. लेकिन ये साल का आखिरी चंद्रग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा, इस वजह से इस चंद्रग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. मान्यता है कि चंद्र और सूर्य ग्रहण होने से हर व्यक्ति के जीवन में कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. ये चंद्र ग्रहण कई मामलों में विशेष है. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का पर्व भी है. कार्तिक पूर्णिमा का पर्व पड़ने के कारण इस ग्रहण का महत्व भी बढ़ जाता है. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि साल का अंतिम चंद्र ग्रहण उपच्छाया है यानि पूर्ण नहीं है, इसलिए इसमें सूतक काल मान्य नहीं है. लेकिन गर्भवती स्त्रियां पूरी सावधानी बरतें.
चंद्रग्रहण में खाएं या नहीं, जानें ग्रहण में खाने से जुड़ी मान्यताएंः
माना जाता है कि ग्रहण शुरू होने के पहले या खत्म होने के बाद के दो घंटों में आप कुछ भी खा सकते हैं. इस दौरान खाना पकाने से भी बचना चाहिए. लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बीमार लोगों को इस दौरान पूरी तरह से उपवास भी नहीं रखना चाहिए.
1. वे लोग जो बीमार हैं या जो बुजुर्ग हैं उन्हें इस दौरान उपवास नहीं करना चाहिए. लेकिन वे इस दौरान हल्का सात्विक भोजन ले सकते हैं. जो पचने में आसान हो और पेट के लिए भी हल्के हों. इस दौरान खाने में आप मेवे ले सकते हैं. यह कम मात्रा में खाने पर भी शरीर को पूरी एनर्जी देंगे.
2. माना जाता है कि इस दौरान पानी पीने से भी बचना चाहिए. अगर आप बीमार हैं या आप गर्भवती हैं तो आप हल्का गर्म पानी पी सकते हैं. इसमें कुछ बूंदे तुलसी की, या जूस पी सकते हैं. इसके साथ ही अगर आप सादा पानी नहीं पीना चाहते तो नारियल का पानी पी सकते हैं. सबसे बेहतर यह होगा कि आप ग्रहण से पहले ही अच्छी मात्रा में पानी पी लें.
उपच्छाया ग्रहणः
यह चंद्रग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है. कार्तिक पूर्णिमा को काफी पवित्र माना जाता है. इसलिए यह उपच्छाया ग्रहण होगा. इस समय चंद्रमा का रंग हल्का गहरा हो जाएगा. चंद्रग्रहण के समय पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. इस स्थिति में पृथ्वी की छाया से चंद्रमा ढंक जाता है. चंद्रग्रहण को खुली आंखों से देखा जा सकता है. पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पूर्णत गोलाकार दिखाई पड़ना चाहिए, किन्तु कभी-कभी अपवादस्वरूप चंद्रमा के पूर्ण बिम्ब पर धनुष या हसिया के आकार की काली परछाई दिखाई देने लगती है. ऐसा माना जा रहा है कि इस ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा.
चंद्रग्रहण समय और तिथिः
ग्रहण का प्रारम्भ: 30 नवंबर 2020 की दोपहर 1:04 बजे.
ग्रहण समाप्त : 30 नवंबर 2020 की शाम 5:22 बजे
कहां-कहां दिखेगा चंद्रग्रहण:
माना जा रहा है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन 30 नवंबर 2020 (सोमवार) को साल का आखिरी चंद्रग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है
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