पंकज उधास (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
गजल गायकी को नया आयाम देने वाले पंकज उधास का 64वां जन्मदिन है। उधास को 1986 में आई फिल्म 'नाम' में गायकी से प्रसिद्धि मिली, जिसमें उनका एक गीत 'चिठ्ठी आई है...' काफी लोकप्रिय हुआ था। उसके बाद से उन्होंने कई फिल्मों के लिए एक पार्श्व गायक के रूप में अपनी आवाज दी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई एल्बम भी रिकॉर्ड किए हैं और एक कुशल गजल गायक के रूप में पूरी दुनिया में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। 2006 में पंकज उधास को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं पंकज उधास
पंकज उधास का जन्म गुजरात में राजकोट के पास जैतपुर के एक बीयर बनाने वाले परिवार में हुआ था। वे तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता का नाम केशूभाई उधास और मां का नाम जीतूबेन उधास है। उनके सबसे बड़े भाई मनहर उधास ने बॉलीवुड में हिंदी पार्श्व गायक के रूप में कुछ सफलता प्राप्त की थी। उनके दूसरे बड़े भाई निर्मल उधास भी एक प्रसिद्ध गजल गायक हैं और तीनों भाइयों में से सबसे पहले गायिकी का काम उन्होंने ने ही शुरू किया था। उन्होंने सर बीपीटीआई भावनगर से शिक्षा प्राप्त की थी। उसके बाद उनका परिवार मुंबई आ गया और पंकज ने वहां के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की।
जब एक दर्शक ने दिया था 51 रुपए का इनाम
पंकज उधास के बड़े भाई मनहर रंगमंच के एक अभिनेता थे, जिसकी वजह से पंकज संगीत के संपर्क में आए। रंगमंच पर उनका पहला प्रदर्शन भारत-चीन युद्ध के दौरान हुआ जिसमें उन्होंने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया, जिसके लिए एक दर्शक द्वारा उनको पुरस्कार के रूप में 51 रुपए का इनाम भी दिया गया। चार साल बाद वे राजकोट की शराबी नाट्य अकादमी में भर्ती हो गए और तबला बजाने की बारीकियों को सीखा। उसके बाद, उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से विज्ञान स्नातक डिग्री की पढ़ाई की और एक 'बार' में काम शुरू कर दिया, तथा समय निकालकर गायन का अभ्यास करते रहे।
पहली फिल्म में नहीं मिली थी सफलता
उधास ने पहली बार 1972 की फिल्म 'कामना' में अपनी आवाज दी थी, जो कि एक असफल फिल्म रही थी। इसके बाद, उधास ने गजल गायन में रुचि विकसित की और गजल गायक के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने उर्दू भी सीखी। सफलता न मिलने के बाद वे कनाडा चले गए और वहां तथा अमेरिका में छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गजल गायिकी करके अपना समय बिताने के बाद वे भारत आ गए। उनका पहली गजल एल्बम 'आहट' 1980 में रिलीज हुआ था। यहां से उन्हें सफलता मिलनी शुरू हो गई और 2009 तक वे 40 एल्बम रिलीज कर चुके हैं।
पार्श्व गायक के रूप में जारी रखा काम
1986 में उधास को फिल्म 'नाम' में अपनी कला का प्रदर्शन करने का एक और अवसर प्राप्त हुआ जिससे उनको काफी प्रसिद्धि भी मिली। वे पार्श्व गायक के रूप में काम जारी रखा, वे साजन, ये दिल्लगी और फिर तेरी कहानी याद आई जैसी कुछ फिल्मों में भी दिखाई दिए। बाद में उधास ने सोनी एंटरटेंमेंट टेलीविजन पर 'आदाब अर्ज है' नाम से एक टेलेंट हंट कार्यक्रम की शुरुआत की।
तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं पंकज उधास
पंकज उधास का जन्म गुजरात में राजकोट के पास जैतपुर के एक बीयर बनाने वाले परिवार में हुआ था। वे तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता का नाम केशूभाई उधास और मां का नाम जीतूबेन उधास है। उनके सबसे बड़े भाई मनहर उधास ने बॉलीवुड में हिंदी पार्श्व गायक के रूप में कुछ सफलता प्राप्त की थी। उनके दूसरे बड़े भाई निर्मल उधास भी एक प्रसिद्ध गजल गायक हैं और तीनों भाइयों में से सबसे पहले गायिकी का काम उन्होंने ने ही शुरू किया था। उन्होंने सर बीपीटीआई भावनगर से शिक्षा प्राप्त की थी। उसके बाद उनका परिवार मुंबई आ गया और पंकज ने वहां के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की।
जब एक दर्शक ने दिया था 51 रुपए का इनाम
पंकज उधास के बड़े भाई मनहर रंगमंच के एक अभिनेता थे, जिसकी वजह से पंकज संगीत के संपर्क में आए। रंगमंच पर उनका पहला प्रदर्शन भारत-चीन युद्ध के दौरान हुआ जिसमें उन्होंने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया, जिसके लिए एक दर्शक द्वारा उनको पुरस्कार के रूप में 51 रुपए का इनाम भी दिया गया। चार साल बाद वे राजकोट की शराबी नाट्य अकादमी में भर्ती हो गए और तबला बजाने की बारीकियों को सीखा। उसके बाद, उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से विज्ञान स्नातक डिग्री की पढ़ाई की और एक 'बार' में काम शुरू कर दिया, तथा समय निकालकर गायन का अभ्यास करते रहे।
पहली फिल्म में नहीं मिली थी सफलता
उधास ने पहली बार 1972 की फिल्म 'कामना' में अपनी आवाज दी थी, जो कि एक असफल फिल्म रही थी। इसके बाद, उधास ने गजल गायन में रुचि विकसित की और गजल गायक के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने उर्दू भी सीखी। सफलता न मिलने के बाद वे कनाडा चले गए और वहां तथा अमेरिका में छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गजल गायिकी करके अपना समय बिताने के बाद वे भारत आ गए। उनका पहली गजल एल्बम 'आहट' 1980 में रिलीज हुआ था। यहां से उन्हें सफलता मिलनी शुरू हो गई और 2009 तक वे 40 एल्बम रिलीज कर चुके हैं।
पार्श्व गायक के रूप में जारी रखा काम
1986 में उधास को फिल्म 'नाम' में अपनी कला का प्रदर्शन करने का एक और अवसर प्राप्त हुआ जिससे उनको काफी प्रसिद्धि भी मिली। वे पार्श्व गायक के रूप में काम जारी रखा, वे साजन, ये दिल्लगी और फिर तेरी कहानी याद आई जैसी कुछ फिल्मों में भी दिखाई दिए। बाद में उधास ने सोनी एंटरटेंमेंट टेलीविजन पर 'आदाब अर्ज है' नाम से एक टेलेंट हंट कार्यक्रम की शुरुआत की।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं