नई दिल्ली:
लोकप्रिय धारावाहिक 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' की लाली यानी टीवी अभिनेत्री रतन राजपूत का कहना है कि वह वेश्या का किरदार निभाना चाहती हैं, क्योंकि इस चरित्र के ऐसे कई आयाम हैं, जो अभी लोगों के सामने नहीं आए हैं।
एक कार्यक्रम में शिरकत करने आईं रतन राजपूत ने कहा, मौका मिलने पर मैं वेश्या का किरदार निभाना चाहती हैं, क्योंकि वेश्या की जिंदगी की बहुत सारी परतों को खोलना बाकी है। समाज के इस वर्ग की बहुत सी ऐसी संवेदनाएं है, जिसे आम आदमी कभी समझ ही नहीं पाता है। इसके अलावा मैं बंगाली परिवेश को बहुत पसंद करती हूं, इसलिए इन दोनों को परदे पर निभाना चाहती है।
लाली के ठेठ ग्रामीण किरदार से लोकप्रियता हासिल करने वाली अभिनेत्री ने कहा, टेलीविजन से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी गायब है और सभी बिकने वाली चीजें दिखाना चाहते हैं। लंबे टेलीविजन सीरियल को उबाऊ बताते हुए रतन ने कहा, यदि मुझे कभी निर्देशन और टेलीविजन सीरियल के निर्माण का मौका मिला, तो मैं सीमित कड़ियों वाला सीरियल बनाना पसंद करूंगी।
पटना में पली-बढ़ी और मूल रूप से समस्तीपुर की रहने वाली रतन ने बताया कि वह घूमने के लिए मुंबई गई थीं और महालक्ष्मी मंदिर में मिले कैमियो ने पहला टेलीविजन सीरियल दिलाया। इस तरह से उनका अभिनय का सफर शुरू हो गया। 'स्वयंवर-3' में अभिनव शर्मा को चुनने और उससे शादी नहीं करने वाली रतन ने कहा कि इस बारे में बहुत कुछ छप चुका है और वह एक गलती थी, जिसके बारे में वह ज्यादा बात नहीं करना चाहतीं।
उन्होंने कहा कि वह सपने नहीं देखती हैं, बस जिंदगी का साथ निभाते चलती हैं। उनका मानना है कि खुद जैसे रहोगे, जिंदगी में वैसे ही लोग मिलेंगे। उनका मानना है कि फिल्म हो या उनका भावी जीवनसाथी, भगवान के चाहने पर ही उनके पास आएगा। रतन ने कहा कि भोजपुरी के बहुत सारे अभिनेता और निर्देशक हैं, जो अपनी भाषा में बात करने से शर्माते हैं। वे अपनी भाषा में काम नहीं करना चाहते हैं, जबकि टेलीविजन ने बोलियों को लोकप्रिय बनाने का काम किया है।
इस वक्त भगवती चरण वर्मा के उपन्यास 'चित्रलेखा' पढ़ रहीं रतन हिन्दी की कहानियां और उपन्यास बेहद पसंद करती है और प्रेमचंद उनके पसंदीदा रचनाकार है। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से डायरी लिखती हैं और अभिनय की शुरुआत करने वाले लोगों के लिए एक किताब लिखना चाहती हैं। फैशन से दूर रहने वाली अभिनेत्री ने कहा कि वह बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म की शिक्षाओं को बहुत पसंद करती हैं।
एक कार्यक्रम में शिरकत करने आईं रतन राजपूत ने कहा, मौका मिलने पर मैं वेश्या का किरदार निभाना चाहती हैं, क्योंकि वेश्या की जिंदगी की बहुत सारी परतों को खोलना बाकी है। समाज के इस वर्ग की बहुत सी ऐसी संवेदनाएं है, जिसे आम आदमी कभी समझ ही नहीं पाता है। इसके अलावा मैं बंगाली परिवेश को बहुत पसंद करती हूं, इसलिए इन दोनों को परदे पर निभाना चाहती है।
लाली के ठेठ ग्रामीण किरदार से लोकप्रियता हासिल करने वाली अभिनेत्री ने कहा, टेलीविजन से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी गायब है और सभी बिकने वाली चीजें दिखाना चाहते हैं। लंबे टेलीविजन सीरियल को उबाऊ बताते हुए रतन ने कहा, यदि मुझे कभी निर्देशन और टेलीविजन सीरियल के निर्माण का मौका मिला, तो मैं सीमित कड़ियों वाला सीरियल बनाना पसंद करूंगी।
पटना में पली-बढ़ी और मूल रूप से समस्तीपुर की रहने वाली रतन ने बताया कि वह घूमने के लिए मुंबई गई थीं और महालक्ष्मी मंदिर में मिले कैमियो ने पहला टेलीविजन सीरियल दिलाया। इस तरह से उनका अभिनय का सफर शुरू हो गया। 'स्वयंवर-3' में अभिनव शर्मा को चुनने और उससे शादी नहीं करने वाली रतन ने कहा कि इस बारे में बहुत कुछ छप चुका है और वह एक गलती थी, जिसके बारे में वह ज्यादा बात नहीं करना चाहतीं।
उन्होंने कहा कि वह सपने नहीं देखती हैं, बस जिंदगी का साथ निभाते चलती हैं। उनका मानना है कि खुद जैसे रहोगे, जिंदगी में वैसे ही लोग मिलेंगे। उनका मानना है कि फिल्म हो या उनका भावी जीवनसाथी, भगवान के चाहने पर ही उनके पास आएगा। रतन ने कहा कि भोजपुरी के बहुत सारे अभिनेता और निर्देशक हैं, जो अपनी भाषा में बात करने से शर्माते हैं। वे अपनी भाषा में काम नहीं करना चाहते हैं, जबकि टेलीविजन ने बोलियों को लोकप्रिय बनाने का काम किया है।
इस वक्त भगवती चरण वर्मा के उपन्यास 'चित्रलेखा' पढ़ रहीं रतन हिन्दी की कहानियां और उपन्यास बेहद पसंद करती है और प्रेमचंद उनके पसंदीदा रचनाकार है। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से डायरी लिखती हैं और अभिनय की शुरुआत करने वाले लोगों के लिए एक किताब लिखना चाहती हैं। फैशन से दूर रहने वाली अभिनेत्री ने कहा कि वह बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म की शिक्षाओं को बहुत पसंद करती हैं।
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