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This Article is From Apr 27, 2017

'जिंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी', अभिनेता विनोद खन्ना का 70 साल की उम्र में निधन

विनोद खन्‍ना कैंसर से पीड़‍ित थे.

नई दिल्‍ली: पिछले कुछ समय से मुंबई के अस्‍पताल में भर्ती दिग्‍गज एक्‍टर विनोद खन्‍ना का निधन हो गया है. वह पिछले कुछ समय से कैंसर से जूझ रहे थे. विनोद खन्‍ना का 70 साल की उम्र में निधन हुआ है. फिल्‍मों से लेकर राजनीति, विनोद खन्‍ना काफी सक्रिय रहे थे. विनोद खन्ना का मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल में इलाज चल रहा था. हाल ही में उनकी एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसके बाद उनके बेटे ने कहा था कि उनक तबियत अभी ठीक है. विनोद खन्‍ना भारतीय फिल्‍मों के दिग्‍गज अभिनेता  रहे हैं. आज शाम 4.30 बजे मुंबई में उनका अंतिम संस्‍कार होगा.

विनोद खन्ना के अस्‍पताल में भर्ती होने के बाद से ही उनके स्वास्थ्य के लिए पूरा हिंदी सिनेमा जगत दुआएं कर रहा था. सलमान खान आधी रात को विनोद खन्ना से मिलने सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल पहुंचे थे. सलमान खान पहले भी विनोद खन्ना के साथ कई फिल्में कर चुके हैं और उन्हें अपना लकी मैस्कट और मेंटर मानते रहे हैं. सलमान के अलावा महाराष्‍ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस भी उन्हें मिलने पहुंचे थे.

वहीं, अभिनेता इरफान खान ने भी विनोद खन्ना के स्वास्थ्य की कामना करते हुए उनके लिए अंगदान की भी पेशकश की थी. इरफान खान ने गुरुवार को कहा कि वह अभिनेता विनोद खन्ना की हाल की एक फोटो देखकर हैरान रह गए. इरफान खान ने गुजरे जमाने के दिग्गज अभिनेता के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
 
vinod khanna dies

विनोद खन्‍ना ने 1975 में ओशो का रुख कर लिया था.


70 और 80 के दशक के सुपरस्‍टार  रहे विनोद खन्‍ना, वह सितारे थे जिन्‍होंने एक विलेन के तौर पर अपनी शुरुआत की. उन्‍होंने 1968 में सुनील दत्‍त के साथ फिल्‍म 'मन का मीत' से अपनी फिल्‍मी सफर की शुरुआत की थी. उन्‍होंने 'पूरब और पश्चिम', 'मेरा गांव मेरा देश' जैसी कई फिल्‍मों में नकारात्‍मक किरदार निभाए थे. 1971 में उन्‍होंने 'हम त‍ुम और वो' में प्रमुख भूमिका निभायी. विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन, दोनों ही अपने बॉलीवुड करियर के उफान पर लगभग एक ही समय में थे. विनोद खन्ना अमिताभ बच्चन के कड़े प्रतिद्वंदी माना जाते थे. दोनों सुपरस्टार्स ने 'मुकद्दर का सिकंदर', 'परवरिश', 'अमर अखबर एंथॉनी' जैसी फिल्मों में साथ में काम किया था.

1987 से 1994 में विनोद खन्ना बॉलीवुड के सबसे मंहगे सितारों में से एक थे. अपने करियर की पीक पर होने के बावजूद विनोद खन्ना ने फिल्म इंडस्ट्री से सन्यास ले लिया और ओशो के अनुयायी बन गए. वह अक्सर पुणे में ओशो के आश्रम जाते थे और इस हद ओशो से प्रभावित थे कि अपने कई शूटिंग शेड्यूल भी पुणे में ही रखवाए. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनोद संन्यास लेकर अमेरिका चले गए और ओशो के साथ करीब 5 साल गुजारे.

विनोद खन्ना ने अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 150 फिल्मों में अभिनय किया. उनके निभाए हर किरदार सिनेमा प्रेमियों के दिलों में ज़िंदा हैं.

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