
मुंबई:
'धूम-3' फिल्म में खलनायक की भूमिका निभाने वाले आमिर खान का मानना है कि समाज के बदलते मूल्यों का सिनेमा पर्दे पर भी प्रभाव पड़ा है और इसी के चलते सिनेमा में नायक और खलनायक के बीच की सीमा धुंधली पड़ती जा रही है।
'धूम' (2004) और 'धूम-2' (2006) की सफलता के बाद पहले से ही इस शृंखला की तीसरी फिल्म को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। 'धूम' की आने वाली कड़ी में आमिर नकारात्मक भूमिका में नजर आएंगे और अभिनेत्री कैटरीना कैफ के साथ इश्क लड़ाएंगे।
आमिर ने कहा, मैं समझता हूं कि खलनायक हमारे समाज से ही आते हैं। कुल मिलाकर अब पटकथा में किसी खलनायक को गढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती। एक समय में हमारे समाज में स्पष्ट नैतिक मूल्य होते थे। ऐसे में वे लोग कहानियों में खलनायक हो जाते थे, जो इनमें फिट नहीं बैठते थे। एक समय मिल मालिक भी खलनायक थे।
आमिर ने बताया कि अब पर्दे पर खलनायकों के चरित्र में जबरदस्त बदलाव आया है और पहले जैसे नहीं रहे। पहले तस्कर, अपराध सरगना और राजनेता खलनायक होते थे और जनता कह सकती थी कि वह उन्हें पसंद नहीं करती, लेकिन अब वैसा कोई स्पष्ट विभाजन नहीं है। अब उतने कट्टर नैतिक मूल्य भी नहीं रहे। अब चतुर और अवसरवादी होना गलत नहीं माना जाता। अब कोई विचार या नैतिक मूल्य काला या सफेद अथवा गलत या सही नहीं रहा।
'धूम' शृंखला की फिल्मों में साहसिक चोरी, तेज रफ्तार से होती मोटरसाइकिलों की रेस और इसी तरह की चीजों को दिखाया गया है। 'धूम' शृंखला की तीसरी फिल्म में अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा क्रमश: जय और अली की भूमिका में नजर आएंगे। अगले साल प्रदर्शित होने वाली 'धूम-3' फिल्म का निर्देशन विक्टर आचार्या ने और निर्माण आदित्य चोपड़ा ने किया है।
'धूम' (2004) और 'धूम-2' (2006) की सफलता के बाद पहले से ही इस शृंखला की तीसरी फिल्म को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। 'धूम' की आने वाली कड़ी में आमिर नकारात्मक भूमिका में नजर आएंगे और अभिनेत्री कैटरीना कैफ के साथ इश्क लड़ाएंगे।
आमिर ने कहा, मैं समझता हूं कि खलनायक हमारे समाज से ही आते हैं। कुल मिलाकर अब पटकथा में किसी खलनायक को गढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती। एक समय में हमारे समाज में स्पष्ट नैतिक मूल्य होते थे। ऐसे में वे लोग कहानियों में खलनायक हो जाते थे, जो इनमें फिट नहीं बैठते थे। एक समय मिल मालिक भी खलनायक थे।
आमिर ने बताया कि अब पर्दे पर खलनायकों के चरित्र में जबरदस्त बदलाव आया है और पहले जैसे नहीं रहे। पहले तस्कर, अपराध सरगना और राजनेता खलनायक होते थे और जनता कह सकती थी कि वह उन्हें पसंद नहीं करती, लेकिन अब वैसा कोई स्पष्ट विभाजन नहीं है। अब उतने कट्टर नैतिक मूल्य भी नहीं रहे। अब चतुर और अवसरवादी होना गलत नहीं माना जाता। अब कोई विचार या नैतिक मूल्य काला या सफेद अथवा गलत या सही नहीं रहा।
'धूम' शृंखला की फिल्मों में साहसिक चोरी, तेज रफ्तार से होती मोटरसाइकिलों की रेस और इसी तरह की चीजों को दिखाया गया है। 'धूम' शृंखला की तीसरी फिल्म में अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा क्रमश: जय और अली की भूमिका में नजर आएंगे। अगले साल प्रदर्शित होने वाली 'धूम-3' फिल्म का निर्देशन विक्टर आचार्या ने और निर्माण आदित्य चोपड़ा ने किया है।
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