Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मेरे हिसाब से फिल्म को कुछ गति देने के लिए कुछ और मसाला डालने की ज़रूरत थी... डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने पहली बार कॉमेडी फिल्म करनी चाही, लेकिन मेरे हिसाब से कामयाब नहीं हो पाए हैं...
इमरान फिल्म में राजेश के साथ मिलकर बैंक लूटते हैं और फैसला किया जाता है कि पैसों का बंटवारा तीन महीने बाद किया जाएगा, लेकिन इन्हीं तीन महीनों के दौरान इमरान का एक्सीडेंट हो जाता है, जिसमें उनकी याददाश्त चली जाती है... वह यह भी भूल जाते हैं कि उन्होंने लूट के पैसे कहां रखे हैं, और बस, यहीं से शुरू होती है पैसे ढूंढने की जद्दोजहद...
सबसे पहली बात, प्रोमोज़ और प्रोमोशन में 'घनचक्कर' को एक कॉमेडी फिल्म बताया गया था, सो, कुछ इसी तरह की उम्मीदें इससे लगाई थीं, लेकिन फिल्म मुझे ज्यादा हंसा नहीं पाई... मेरे हिसाब से फिल्म की स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले काफी कमज़ोर है, इसलिए फिल्म मुझे लंबी भी लगी... पहले हाफ में मुझे लग रहा था शायद फिल्म बिना इंटरवल के ही दिखाई जा रही है और खत्म होने वाली है, लेकिन अफसोस, इंटरवल हुआ...
फिल्म को अगर कोई कुछ हद तक बचा पाया तो वह था किरदारों का अभिनय... मेरे हिसाब से फिल्म को कुछ गति देने के लिए कुछ और मसाला डालने की ज़रूरत थी... डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने पहली बार कॉमेडी फिल्म करनी चाही, लेकिन मेरे हिसाब से कामयाब नहीं हो पाए हैं... मेरी ओर से फिल्म की रेटिंग है - 2.5 स्टार...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
फिल्म समीक्षा, फिल्म रिव्यू, घनचक्कर, इमरान हाशमी, विद्या बालन, नमित दास, Film Review, Ghanchakkar, Emraan Hashmi, Vidya Balan, Namit Das