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This Article is From Apr 08, 2017

शबाना आजमी : 'यह नहीं समझ आता कि कितना असंतोष नकली है और कितना असली'

शबाना आजमी : 'यह नहीं समझ आता कि कितना असंतोष नकली है और कितना असली'
नई दिल्‍ली: अपनी फिल्‍म 'सोनाटा' को लेकर शबाना आजमी इन दिनों चर्चा में हैं. हाल ही में शबाना आजीम, इस फिल्‍म की डायरेक्‍टर अर्पणा सेन और एक्‍ट्रेस लिलेट दुबे अपनी इस फिल्‍म के सिलसिले में कोलकाता पहुंचीं. यहां इन्‍होंने हिंसा की स्थिति में कानून और व्यवस्था कायम रखने में राज्य की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए 'बनावटी असंतोष' पर चिंता व्यक्त की. न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार शबाना ने अपनी आगामी फिल्म 'सोनाटा' से जुड़े एक सत्र 'टेक्स्ट टू कनेक्स्ट' में कहा, "किसी भी लोकतंत्र में असंतोष व्यक्त करना मौलिक अधिकार होता है. अगर आपको कोई फिल्म पसंद नहीं है, तो उसे मत देखें, कोई किताब पसंद नहीं है, तो उसे मत पढ़ें. लेकिन आप कानून और व्यवस्था की ऐसी स्थिति पैदा नहीं कर सकते, जिससे हिंसा हो. ऐसे में प्रशासन की भूमिका आती है और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता.'

आईएएनस की रिपोर्ट के अनुसार शबाना ने कहा, "यह बिल्कुल अस्वीकार्य है." वहीं अर्पणा सेन ने कहा, "सेंसर बोर्ड को कानून और व्यवस्था की शायद ज्यादा चिंता रहती है, इसलिए वह कहता है, 'नहीं, यह दृश्य काटो, इससे कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा होगी.' लेकिन प्रशासन को कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी लेनी होगी."

शबाना ने कहा, "अगर प्रशासन हालात को को संभालना चाहे, तब भी संभाल नहीं सकता, यह मानना बेहद मुश्किल है." शबाना ने असंतोष को लेकर कहा, "मैं नहीं जानती कि कितना असंतोष असली है और कितना बनावटी. मैं नहीं जानती कि कितना असंतोष सचमुच लोगों को नाराज कर रहा है और उसमें से कितना बनावटी असंतोष है."

उन्होंने कहा, "दस लोग परेशान हो जाते हैं और कहते हैं कि इस फिल्म को लेकर उन्हें ऐतराज है या उस नाटक से उन्हें ऐतराज है और उसके बाद अचानक कुछ लोग, जिन्होंने जिंदगी में कुछ नहीं किया आ खड़े होते हैं और टीवी कैमरे उन्हें क्षणिक लोकप्रियता दे देते हैं. प्रेस को इस स्थिति से निपटना होगा."

अभिनेत्री ने कहा, "आपको खबर देनी है, लेकिन आप इन दस लोगों की बात को महत्व दें, उससे पहले आपको जानना चाहिए कि समाज में उनका क्या स्थान है और उनकी बात का कोई अस्तित्व है भी या नहीं!"

'सोनाटा' एक महिला केंद्रित फिल्म है जिसकी कहानी तीन उम्रदराज महिलाओं की दोस्ती के इर्द गिर्द घूमती है. ट्रेलर में तीनों दिग्गज अभिनेत्रियों का जबरदस्त अभिनय फैन्स को काफी पसंद आ रहा है. महेश एल्कंचवार के मराठी नाटक पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन अपर्णा सेन किया है. फिल्म की रिलीज डेट अभी जारी नहीं की गई है. इस फिल्म में शबाना आजमी गाना गाती भी दिख रही हैं.

(इनपुट आईएएनएस से भी)

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