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This Article is From Apr 24, 2013

खामोश हो गई शमशाद बेगम की आवाज

मुंबई: हिन्दी सिनेमा में ‘मेरे पिया गए रंगून’ और ‘कजरा मुहब्बत वाला’ जैसे गीतों को अपनी आवाज से सदाबहार बनाने वाली जानी-मानी गायिका शमशाद बेगम का 94 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया।

शमशाद बेगम की बेटी ऊषा ने बताया, वह पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थीं और अस्पताल में थीं। पिछली रात उनका निधन हो गया। उनके जनाजे में सिर्फ कुछ मित्र मौजूद थे।

शमशाद बेगम का जन्म 14 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। लाहौर के पेशावर रेडियो पर 16 दिसंबर 1947 को पहली बार उनकी आवाज दुनिया के सामने आई, जिसके जादू ने लोगों को उनका प्रशंसक बना दिया। वर्ष 1955 में अपने पति गणपत लाल बट्टो के निधन के बाद से शमशाद मुंबई में अपनी बेटी ऊषा रात्रा और दामाद के साथ रह रही थीं।

शमशाद बेगम द्वारा गाए चर्चित गीतों में ‘कभी आर कभी पार’, ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’, ‘सइयां दिल में आना रे’, ‘ले के पहला पहला प्यार’, ‘बूझ मेरा क्या नाम रे’ और ‘छोड़ बाबुल का घर’ शामिल हैं।

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