
- 'सरकार 3' में दमदार नजर आ रहे हैं अमिताभ बच्चन
- फिल्म का फर्स्ट हाफ है काफी कमजोर
- इस फिल्म को हमारी तरफ से मिलते हैं 3 स्टार
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हर बार हम आपको फिल्म की खामियों और खूबियों के बारे में बताते हैं ताकि आप यह तय कर सकें कि आपको फिल्म देखनी है या नहीं, तो इस बार भी हम आपको बता रहे हैं इस फिल्म की कुछ खामियां और कुछ खूबियां. सबसे पहले फिल्म की अच्छाइयों की बात करें तो फिल्म के हर एक फ्रेम पर अमिताभ बच्चन का कब्जा है और इस बार भी निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने अच्छे से सरकार के रुतबे को दिखाया है. कैमरा वर्क अच्छा है जिसमें अच्छे-अच्छे क्लोजअप और किरदारों के हावभाव को शूट किया गया है और यही इस फ्रेंचाइजी की विशेषता भी रही है. 'गोविंदा-गोविंदा' गाने को बेहतरीन तरीके से बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह इस्तेमाल किया गया है. फिल्म का दूसरा भाग अच्छा है और अच्छे ट्विस्ट एंड टर्न्स हैं.

इस फिल्म में अभिषेक बच्चन नजर नहीं आएंगे.
फिल्म की कुछ कमजोरियों पर नजर डालें तो पहली दोनों फिल्मों की ही तरह इस फिल्म में भी जानता की भलाई के लिए सरकार काम करना चाहते हैं और जनता से जो भी धोका करे उसके खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं मगर 'सरकार 3' का प्लॉट थोड़ा भटका हुआ नजर आता है. पहली दोनों फिल्मों में फिल्म की रफ्तार अच्छी थी और किरदारों को अच्छे से गढ़ा गया था, लेकिन इस फिल्म में ऐसा नहीं नजर आया है. फिल्म में बड़े-बड़े दृश्य और लंबे-लंबे संवाद फिल्म को कमजोर बनाते हैं. फिल्म का पहला भाग खास तौर से कमजोर है.
करीब 9 साल बाद आया रामू की फिल्म का तीसरा भाग 'सरकार 3' पहली दोनों फिल्मों से थोड़ी कमजोर पड़ती है मगर इस फिल्म के क्लाइमेक्स ने फिल्म को मजेदार बनाया है, इसलिए 'सरकार 3' के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार.
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