संजय दत्त को पुणे की येरवदा जेल से पिछले साल रिहा किया गया था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एक बार फिर अभिनेता संजय दत्त की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. महाराष्ट्र सरकार ने अभिनेता संजय दत्त को 1993 के बम विस्फोट मामले में दी गई सजा की अवधि से आठ महीने पहले रिहा और वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के आरोपों पर दोबारा जांच करने के आदेश दिए है. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार, यदि दत्त को जेल के अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने की बात साबित हुई तो उन्हें दोबारा जेल भेज दिया जाएगा. गुरुवार को सरकार ने अपनी दलील में कहा, "अगर संजय दत्त को पैरोल या फर्लो देने में नियम तोड़े गए हैं, तो उन्हें वापस जेल भेजे जाने पर सरकार को कोई एतराज नहीं है."
इससे पहले मामले की सुनवाई 17 जुलाई को हुई थी. उस दिन भी महाराष्ट्र सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में तर्क दिए गए थे, लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ था. अपने फैसले को जायज ठहराते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा कि ऐसा नियमों के अनुरूप किया गया और संजय दत्त के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं हुआ है. वहीं, हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था, "आखिर संजय दत्त ने ऐसे कौन से अच्छे काम किए, जिसकी वजह से उन्हें जल्द रिहा कर दिया गया?"
ये भी पढ़ें: जेल में संजय दत्त को नहीं दिया गया VIP ट्रीटमेंट, नियम के मुताबिक ही किए गए रिहा : महाराष्ट्र सरकार
बताते चलें कि, हथियार रखने के जुर्म में संजय दत्त को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. ये हथियार 1993 के विस्फोटों में इस्तेमाल किए गए हथियारों के जखीरे का हिस्सा थे. इस मामले में मई, 2013 में संजय ने आत्मसमर्पण किया था. उनको पुणे के येरवदा जेल में रखा गया था और अच्छे आचरण को देखते हुए सजा पूरी होने से आठ महीने पहले ही फरवरी, 2016 में रिहा कर दिया गया था. सजा के दौरान संजय दत्त कई बार जेल से बाहर आए और उन्हें 100 से ज्यादा ऐसे दिन मिले हैं जिसके बाद कई सवाल उठते हैं कि क्या उन्हें ये सुविधा उनके वीआईपी स्टेटस की वजह से मिली थी.
मामूल हो कि, पुणे के सोशल एक्टिविस्ट प्रदीप भालेकर ने संजय को 8 महीने पहले ही पुणे के येरवडा जेल से रिहा किए जाने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल की है. सजा के दौरान संजय को 120 दिन की पैरोल और 44 दिन की फर्लो भी मिली थी. इसके बावजूद उन्हें आठ महीने पहले रिहा कर दिया गया था.
ये भी पढ़ें: स्विमसूट में फिर दिखा संजय दत्त की पत्नी का हॉट अवतार, फैमिली के साथ यूं बिता रहीं छुट्टियां
जेल से रिहा होने के बाद संजय दत्त फिल्म 'भूमि' में नजर आएंगे. हाल ही में इसका फर्स्ट लुक रिलीज हुआ है. संजय की इस फिल्म में सनी लियोन का आइटम नंबर भी होगा.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
इससे पहले मामले की सुनवाई 17 जुलाई को हुई थी. उस दिन भी महाराष्ट्र सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में तर्क दिए गए थे, लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ था. अपने फैसले को जायज ठहराते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा कि ऐसा नियमों के अनुरूप किया गया और संजय दत्त के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं हुआ है. वहीं, हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था, "आखिर संजय दत्त ने ऐसे कौन से अच्छे काम किए, जिसकी वजह से उन्हें जल्द रिहा कर दिया गया?"
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बताते चलें कि, हथियार रखने के जुर्म में संजय दत्त को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. ये हथियार 1993 के विस्फोटों में इस्तेमाल किए गए हथियारों के जखीरे का हिस्सा थे. इस मामले में मई, 2013 में संजय ने आत्मसमर्पण किया था. उनको पुणे के येरवदा जेल में रखा गया था और अच्छे आचरण को देखते हुए सजा पूरी होने से आठ महीने पहले ही फरवरी, 2016 में रिहा कर दिया गया था. सजा के दौरान संजय दत्त कई बार जेल से बाहर आए और उन्हें 100 से ज्यादा ऐसे दिन मिले हैं जिसके बाद कई सवाल उठते हैं कि क्या उन्हें ये सुविधा उनके वीआईपी स्टेटस की वजह से मिली थी.
मामूल हो कि, पुणे के सोशल एक्टिविस्ट प्रदीप भालेकर ने संजय को 8 महीने पहले ही पुणे के येरवडा जेल से रिहा किए जाने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल की है. सजा के दौरान संजय को 120 दिन की पैरोल और 44 दिन की फर्लो भी मिली थी. इसके बावजूद उन्हें आठ महीने पहले रिहा कर दिया गया था.
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जेल से रिहा होने के बाद संजय दत्त फिल्म 'भूमि' में नजर आएंगे. हाल ही में इसका फर्स्ट लुक रिलीज हुआ है. संजय की इस फिल्म में सनी लियोन का आइटम नंबर भी होगा.
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