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This Article is From Apr 22, 2016

शिकार के समय मुख्य सरकारी गवाह तो था ही नहीं, उन पर भरोसा कैसे : सलमान के वकील

शिकार के समय मुख्य सरकारी गवाह तो था ही नहीं, उन पर भरोसा कैसे : सलमान के वकील
सलमान खान (फाइल फोटो)
मुंबई: 1998 के चिंकारा शिकार मामले में बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान को सुनाई गई पांच साल की कैद की सजा को खारिज करने की दलील देते हुए उनके वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट में कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है, क्योंकि मुख्य सरकारी गवाह घटना के वक्त उनके साथ नहीं था।

कैसे किया बयानों पर भरोसा
खान के वकील महेश बोरा ने न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर से कहा कि मुख्य सरकारी गवाह हरीश दुलानी 1-2 अक्तूबर, 1998 को दो काले हिरण के कथित शिकार के दोरान अभिनेता के साथ नहीं थे, तो ऐसे में कैसे उनके बयानों पर भरोसा करते हुए वन विभाग और पुलिस ने खान के खिलाफ दो अलग अलग मामले दर्ज किए।

होटल पर वाहन छोड़ने गए थे
बोरा ने कहा कि दुलानी ने बयान दिया कि वह बस होटल पर वाहन छोड़ने गए थे और 1 अक्तूबर की रात को लौट आए। जब वन विभाग ने उनसे पूछताछ की तब उन्होंने कहा कि शिकार की दो और घटनाएं हुई, एक 26 सितंबर, 1998 को और दूसरी 28 सितंबर, 1998 को।

उन्होंने कहा कि जब बोरा खुद ही कहीं मौजूद नहीं थे तब कैसे में उन पर भरोसा किया जा सकता है। अतएव कथित शिकार को लेकर खान के खिलाफ मामला नहीं बनता है। दुलारी से जबरन बयान लिया गया।

किसी ने भी सलमान को शिकार करते नहीं देखा
बोरा ने कहा कि इस मामले के किसी भी गवाह ने खान को शिकार करते हुए या उन्हें मरे हुए जानवर लाते नहीं देखा। ऐसे में कैसे खान अभियोजित किये जा सकते हैं जबकि अन्य सभी आरोपी बरी हो चुके हैं।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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