प्रतीकात्मक चित्र
बाहुबली की कामियाबी के बाद पौराणिक कथाओं पर आधारित एक भव्य फिल्म बनाने की तैयारी की जा रही है. हिंदी सिनेमा एक और महाकाव्य, रामायण पर फिल्म बनाने के लिए अपनी कमर कस रहा है. इस फिल्म का बजट पांच सौ करोड़ रुपये बताया जा रहा है और तीन फिल्म निमार्ताओं ने इसे बनाने के लिए हाथ मिलाया है. 'मिरर' के अनुसार, मंगलवार को इस फिल्म के निर्माण के लिए तीन निर्माताओं अलू अरविंद, नमित मल्होत्रा और मधु मंतेना ने हाथ मिलाया.
यह फिल्म हिंदी, तेलुगू और तमिल भाषाओं में बनाई जाएगी. फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में अनुमानित 500 करोड़ रुपये के बजट के साथ पेश होगी. इस फिल्म को 3डी में शूट किया जाएगा और तीन भाग की श्रृंखला के रूप में जारी किया जाएगा.
इन सब की पुष्टि करते हुए अलू अरविंद ने 'मिरर' को बताया, "यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. लेकिन, रामायण को बड़े पर्दे पर संभवत: सबसे शानदार तरीके से बताया जाना चाहिए. हम एक शानदार प्रस्तुति लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
एक करीबी सूत्र के अनुसार तीनों निर्माता स्क्रिप्ट पर एक साल से काम कर रहे हैं. उन्होंने महसूस किया कि महाकाव्य को कई सालों से बड़ी स्क्रीन पर पेश नहीं किया गया है. 1987-88 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामानंद सागर की रामायण और फिर 2008 में सागर आर्ट्स द्वारा इस महाकाव्य को एक बार फिर नए परिवेश में बनाया गया था. अब वे इस समय महाकाव्य को बड़े पर्दे पर लाना चाहते हैं."
इस फिल्म के साथ जुड़े नमित कहते हैं, "मेरे परिवार की तीन पीढ़ियां फिल्मों में रही हैं और हमारे पास इस तरह की कहानियों को जीवन देने की अग्रणी क्षमता है. दुनिया के लिए सबसे बड़ी भारतीय कहानी को इस तरीके से बताने का इससे बेहतर समय और मौका नहीं हो सकता है. अल्लू सर और मधु के साथ साझेदारी ने मुझे सबसे अच्छे सहयोगियों के साथ गठबंधन का मौका दिया है. इस महाकाव्य के साथ हम एक ऐसा सिनेमाई अनुभव करवाएंगे जिस पर सभी भारतीय गर्व कर सकेंगे."
इनपुट आईएएनएस से
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह फिल्म हिंदी, तेलुगू और तमिल भाषाओं में बनाई जाएगी. फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में अनुमानित 500 करोड़ रुपये के बजट के साथ पेश होगी. इस फिल्म को 3डी में शूट किया जाएगा और तीन भाग की श्रृंखला के रूप में जारी किया जाएगा.
इन सब की पुष्टि करते हुए अलू अरविंद ने 'मिरर' को बताया, "यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. लेकिन, रामायण को बड़े पर्दे पर संभवत: सबसे शानदार तरीके से बताया जाना चाहिए. हम एक शानदार प्रस्तुति लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
एक करीबी सूत्र के अनुसार तीनों निर्माता स्क्रिप्ट पर एक साल से काम कर रहे हैं. उन्होंने महसूस किया कि महाकाव्य को कई सालों से बड़ी स्क्रीन पर पेश नहीं किया गया है. 1987-88 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामानंद सागर की रामायण और फिर 2008 में सागर आर्ट्स द्वारा इस महाकाव्य को एक बार फिर नए परिवेश में बनाया गया था. अब वे इस समय महाकाव्य को बड़े पर्दे पर लाना चाहते हैं."
इस फिल्म के साथ जुड़े नमित कहते हैं, "मेरे परिवार की तीन पीढ़ियां फिल्मों में रही हैं और हमारे पास इस तरह की कहानियों को जीवन देने की अग्रणी क्षमता है. दुनिया के लिए सबसे बड़ी भारतीय कहानी को इस तरीके से बताने का इससे बेहतर समय और मौका नहीं हो सकता है. अल्लू सर और मधु के साथ साझेदारी ने मुझे सबसे अच्छे सहयोगियों के साथ गठबंधन का मौका दिया है. इस महाकाव्य के साथ हम एक ऐसा सिनेमाई अनुभव करवाएंगे जिस पर सभी भारतीय गर्व कर सकेंगे."
इनपुट आईएएनएस से
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं