'सुपर से ऊपर’ फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई है, वीर दास, कीर्ति कुल्हरी, गुलशन ग्रोवर, दीपक डोबरियाल और यशपाल शर्मा ने।
इस फिल्म की कहानी घूमती है, रणबीर के इर्द-गिर्द, जिनकी मां मरने के बाद एक घर छोड़ जाती है, पर वसीयत उनके नाम नहीं कर पाती। अब वसीयत अपने नाम पर कराने के लिए रणबीर यानि वीर दास को ढूंढना है, अपने बिछड़े मामा को, जिसका किरदार निभाया है, गुलशन ग्रोवर ने।
मामा की खोज में रणबीर पहुंच जाते हैं, राजस्थान जहां उन्हें मामा के साथ-साथ मिलती हैं, गुल यानी कीर्ति कुल्हरी, जिनसे रणबीर को इश्क हो जाता है। बाकी की कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
अब सवाल है कि फिल्म कैसी है? 'सुपर से ऊपर' बतौर कॉन्सेप्ट काम तो करती है, पर जब बात इसकी स्क्रिप्ट यानि कहानी की आती है तो यह वहीं ढेर हो जाती है।
न तो यह कॉमेडी है, न ही थ्रिलर और शायद न ही दर्शक कहानी की भावना समझ पाएं। डायलॉग बेहद कमजोर हैं। सिचुएशन में कोई नयापन नहीं दिखता, हालांकि फिल्म में कलाकार सारे मंझे हुए हैं, पर अपने किरदार के जरिये कोई अपनी छाप नहीं छोड़ पाता।
वीर दास अपने किरदार के साथ न्याय करते हैं। दीपक डोबरियाल में जोश तो है, पर कमजोर लाइन्स के चलते उनका किरदार दम तोड़ देता है। गुलशन ग्रोवर का गेटअप अच्छा है। फिल्म के गाने अच्छे हैं, पर फिल्म में ज्यादा देखने को नहीं मिलेंगे। मेरी तरफ से इस फिल्म को 2 स्टार्स।
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