मुंबई:
फिल्म 'हिम्मतवाला' 1983 में रिलीज हुई जितेंद्र और श्रीदेवी की फिल्म का रीमेक है। फिल्म के प्लॉट को वैसा ही रखते हुए स्क्रीनप्ले में बदलाव किए गए हैं। फिल्म शुरू होती है 80 के दशक के सोनाक्षी के डांस नंबर से। उसके बाद अजय देवगन की फाइटिंग रिंग में एंट्री। मुकाबला जीतने के बाद अजय पहुंचते हैं, एक गांव में जहां जालिम सरपंच का राज है। अजय अपनी मां और बहन के साथ गांव की रक्षा करते हैं और सरपंच की बेटी तमन्ना से प्यार। कहानी में और भी मोड़ हैं, जो फिल्म में देख सकते हैं।
'हिम्मतवाला' रीमेक है इसलिए जाहिर है, डायरेक्टर साजिद खान ने 80 के दशक के हर मसाले को डाला है। जहां मजबूर मां है, बेसहारा बहन है और सरपंच के सताए हुए गांववाले हैं। फिल्म में वैसे ही डायलॉग हैं, वैसे ही ड्रामेटिक सीन और वैसी ही सिचुएशन। 'हिम्मतवाला' के दोनों पुराने गाने इस फिल्म में भी अच्छे लग रहे हैं। अजय देवगन का अभिनय अच्छा है। तमन्ना भी फिल्म में अच्छी लगी हैं।
हिट फिल्म 'हे बेबी' और 'हाउसफुल' बना चुके डायरेक्टर साजिद खान ने एक फार्मुला पकड़ा है, जिसमें कभी बंदर तो कभी शेर को अपनी फिल्म में लेते हैं ताकि बच्चे भी मजे ले सकें। साजिद की कोशिश होती है, मसाला फिल्म बनाने की, जिसमें हर तरह का तड़का मौजूद हो। हालांकि फिल्म मे कई सीन काफी ड्रामेटिक हैं, जो अटपटे लगते हैं, मगर चूंकि उस दौर में ऐसा सिनेमा हिट था इसलिए उन्हें नजरअंदाज करना पड़ता है।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि यह 80 के दशक का लाउड सिनेमा है, जिसे आज के दौर में पेश किया गया है। अगर आपको उस दौर का सिनेमा पसंद है तो 'हिम्मतवाला' आपको अच्छी लगेगी। 80 के दौर को दोबारा जिंदा करने के लिए 'हिम्मतवाला' को रेटिंग दे रहे हैं, 3 स्टार।
'हिम्मतवाला' रीमेक है इसलिए जाहिर है, डायरेक्टर साजिद खान ने 80 के दशक के हर मसाले को डाला है। जहां मजबूर मां है, बेसहारा बहन है और सरपंच के सताए हुए गांववाले हैं। फिल्म में वैसे ही डायलॉग हैं, वैसे ही ड्रामेटिक सीन और वैसी ही सिचुएशन। 'हिम्मतवाला' के दोनों पुराने गाने इस फिल्म में भी अच्छे लग रहे हैं। अजय देवगन का अभिनय अच्छा है। तमन्ना भी फिल्म में अच्छी लगी हैं।
हिट फिल्म 'हे बेबी' और 'हाउसफुल' बना चुके डायरेक्टर साजिद खान ने एक फार्मुला पकड़ा है, जिसमें कभी बंदर तो कभी शेर को अपनी फिल्म में लेते हैं ताकि बच्चे भी मजे ले सकें। साजिद की कोशिश होती है, मसाला फिल्म बनाने की, जिसमें हर तरह का तड़का मौजूद हो। हालांकि फिल्म मे कई सीन काफी ड्रामेटिक हैं, जो अटपटे लगते हैं, मगर चूंकि उस दौर में ऐसा सिनेमा हिट था इसलिए उन्हें नजरअंदाज करना पड़ता है।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि यह 80 के दशक का लाउड सिनेमा है, जिसे आज के दौर में पेश किया गया है। अगर आपको उस दौर का सिनेमा पसंद है तो 'हिम्मतवाला' आपको अच्छी लगेगी। 80 के दौर को दोबारा जिंदा करने के लिए 'हिम्मतवाला' को रेटिंग दे रहे हैं, 3 स्टार।
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