मुंबई:
आशिकी-2 की कहानी शुरू होती है, एक कामयाब गायक राहुल जयकर के गोवा में हो रहे शो से, जो शराब के नशे में धुत है और शो में देरी से आता है। वहां कुछ गड़बड़ होती है, साथ ही मारपीट भी। शराब पीने के लिए राहुल एक बियर बार में जाता है, जहां वह आरुषि को गाना गाते हुए सुनता है। उसे लगता है कि आरुषि बहुत अच्छी गायिका है और वह उसे स्टार बनाने की ठान लेता है। आरुषि को स्टार बनाता है और इसी बीच उसे प्यार हो जाता है। राहुल जयकर के किरदार में आदित्य रॉय कपूर हैं और आरुषि के रोल को निभाया है श्रद्धा कपूर ने।
'आशिकी-2' भी एक लव स्टोरी है, जहां एक सिंगिंग स्टार शराब की लत के कारण बुलंदियों से नीचे गिरता है, मगर वह एक बियर बार में गाने वाली लड़की को स्टार बनाता है। फिल्म के गाने पहले ही हिट हो चुके हैं। डायरेक्टर मोहित सूरी ने फिल्म के सीन्स को अच्छे से पर्दे पर उतारा है। आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर का अभिनय बेहतरीन है। फिल्म का पहला भाग काफी अच्छा है, मगर दूसरा भाग जरा कमजोर स्क्रीन प्ले की वजह से मात खा गया। 'आशिकी-2' में छोटी-छोटी खुशियां, रोमांटिक सीन्स, डायलॉग्स, इमोशन्स और प्यार के लिए बलिदान को पर्दे पर अच्छे से उतारा गया है।
यह फिल्म करीब 23 साल पहले आई फिल्म 'आशिकी' की सीक्वल है। पुरानी 'आशिकी' में ताजगी थी। रोमांस के जुनून में लिपटी मासूमियत भी थी। 'आशिकी-2' में वह सब डाला गया है, लेकिन तब से अब तक वक्त बहुत बदल गया है। भागदौड़ भरी आज की जिंदगी में 'आशिकी-2' कई जगह हकीकत से दूर अविश्वसनीय और काल्पनिक लगती है जैसे राहुल शराब के नशे में इतनी बुरी तरह क्यों घिर गया कि वह वापस नहीं आ सकता, फिर चाहे उसके खुद के करियर के लिए हो या अपने प्यार के लिए।
फिल्म में एक पत्रकार का सीन है, उसके सवाल पूछने का अंदाज ऐसा है, जो मैंने अपने 12 साल के करियर में नहीं देखा। प्यार कभी भी...कहीं भी और किसी से भी हो सकता है। प्यार के लिए कुर्बानियां भी दी जाती हैं, मगर आज के दौर में इस तरह का प्यार और कुर्बानी शायद 'आशिकी-2' में ही देखने को मिले, रियल लाइफ में यह मुश्किल है। इस फिल्म के लिए मेरी तरफ से 3 स्टार्स।
'आशिकी-2' भी एक लव स्टोरी है, जहां एक सिंगिंग स्टार शराब की लत के कारण बुलंदियों से नीचे गिरता है, मगर वह एक बियर बार में गाने वाली लड़की को स्टार बनाता है। फिल्म के गाने पहले ही हिट हो चुके हैं। डायरेक्टर मोहित सूरी ने फिल्म के सीन्स को अच्छे से पर्दे पर उतारा है। आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर का अभिनय बेहतरीन है। फिल्म का पहला भाग काफी अच्छा है, मगर दूसरा भाग जरा कमजोर स्क्रीन प्ले की वजह से मात खा गया। 'आशिकी-2' में छोटी-छोटी खुशियां, रोमांटिक सीन्स, डायलॉग्स, इमोशन्स और प्यार के लिए बलिदान को पर्दे पर अच्छे से उतारा गया है।
यह फिल्म करीब 23 साल पहले आई फिल्म 'आशिकी' की सीक्वल है। पुरानी 'आशिकी' में ताजगी थी। रोमांस के जुनून में लिपटी मासूमियत भी थी। 'आशिकी-2' में वह सब डाला गया है, लेकिन तब से अब तक वक्त बहुत बदल गया है। भागदौड़ भरी आज की जिंदगी में 'आशिकी-2' कई जगह हकीकत से दूर अविश्वसनीय और काल्पनिक लगती है जैसे राहुल शराब के नशे में इतनी बुरी तरह क्यों घिर गया कि वह वापस नहीं आ सकता, फिर चाहे उसके खुद के करियर के लिए हो या अपने प्यार के लिए।
फिल्म में एक पत्रकार का सीन है, उसके सवाल पूछने का अंदाज ऐसा है, जो मैंने अपने 12 साल के करियर में नहीं देखा। प्यार कभी भी...कहीं भी और किसी से भी हो सकता है। प्यार के लिए कुर्बानियां भी दी जाती हैं, मगर आज के दौर में इस तरह का प्यार और कुर्बानी शायद 'आशिकी-2' में ही देखने को मिले, रियल लाइफ में यह मुश्किल है। इस फिल्म के लिए मेरी तरफ से 3 स्टार्स।
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