
वाशिंगटन:
मशहूर सितारवादक पंडित रविशंकर को लाइफटाइम अचीवमेंट ग्रैमी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। प्रतिष्ठित ग्रैमी पुरस्कार प्रदान करने वाली रिकॉर्डिंग अकादमी ने घोषणा की कि रविशंकर को यह पुरस्कार मरणोपरांत 10 फरवरी को लॉस एंजिलिस में आयोजित 55वें ग्रैमी पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।
पश्चिमी जगत में भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले और 'द बीटल्स' जॉर्ज हैरिसन और यहूदी मेनुहिन पर प्रभाव रखने वाले रविशंकर की कैलीफोर्निया के ला जोला स्थित स्क्रिप्स मेमोरियल अस्पताल में हृदय संबंधी शल्यक्रिया के बाद 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
रिकॉर्डिंग अकादमी ने एक बयान में कहा, विश्व के सबसे प्रसिद्ध सितारवादक, तीन बार ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित रविशंकर अंतरराष्ट्रीय संगीत के सच्चे मायने में दूत हैं। उसने कहा, संगीतकार, शिक्षक और लेखक के रूप में उन्हें भारतीय संगीत का पश्चिम में प्रचार प्रसार करने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कई दशकों के अपने करियर के दौरान बीटल्स, जॉन कोल्ट्रेन, फिलिप ग्लास और अपनी पुत्रियों नोरा जोंस और अनुष्का शंकर सहित कई संगीतकारों को प्रभावित किया। बयान में कहा गया है, एक मानवतावादी एवं परोपकारी रविशंकर ने 1971 में जॉर्ज हैरिसन के साथ मिलकर बांग्लादेश के लिए एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया।
इसके बाद से ही धर्मार्थ कार्यों के वास्ते राशि एकत्रित करने के लिए संगीत कार्यक्रमों के आयोजन का मार्ग प्रशस्त हुआ। लाइफटाइम ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित अन्य लोगों में ग्लेन गोल्ड, चार्ली हेडेन, लाइटनिन होपकिंस, कैरोल किंग, पैटी पेज शामिल है।
पश्चिमी जगत में भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले और 'द बीटल्स' जॉर्ज हैरिसन और यहूदी मेनुहिन पर प्रभाव रखने वाले रविशंकर की कैलीफोर्निया के ला जोला स्थित स्क्रिप्स मेमोरियल अस्पताल में हृदय संबंधी शल्यक्रिया के बाद 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
रिकॉर्डिंग अकादमी ने एक बयान में कहा, विश्व के सबसे प्रसिद्ध सितारवादक, तीन बार ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित रविशंकर अंतरराष्ट्रीय संगीत के सच्चे मायने में दूत हैं। उसने कहा, संगीतकार, शिक्षक और लेखक के रूप में उन्हें भारतीय संगीत का पश्चिम में प्रचार प्रसार करने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कई दशकों के अपने करियर के दौरान बीटल्स, जॉन कोल्ट्रेन, फिलिप ग्लास और अपनी पुत्रियों नोरा जोंस और अनुष्का शंकर सहित कई संगीतकारों को प्रभावित किया। बयान में कहा गया है, एक मानवतावादी एवं परोपकारी रविशंकर ने 1971 में जॉर्ज हैरिसन के साथ मिलकर बांग्लादेश के लिए एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया।
इसके बाद से ही धर्मार्थ कार्यों के वास्ते राशि एकत्रित करने के लिए संगीत कार्यक्रमों के आयोजन का मार्ग प्रशस्त हुआ। लाइफटाइम ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित अन्य लोगों में ग्लेन गोल्ड, चार्ली हेडेन, लाइटनिन होपकिंस, कैरोल किंग, पैटी पेज शामिल है।
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