फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पाकिस्तान सेंसर बोर्ड द्वारा एक्ट्रेस सनी लियोनी के फिल्म 'रईस' के गाने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की खबरें मिली हैं। फिल्म अगले साल जनवरी में रिलीज होने वाली है। हालांकि 'डेली टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है। 'रईस' में शाहरुख खान के साथ पाकिस्तानी वीजे से एक्ट्रेस बनीं माहिरा खान और अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी भी काम कर रहे हैं।
वैसे ये पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान ने किसी भारतीय गाने या फिल्म पर बैन लगाया है। इससे पहले भी पाकिस्तान कई भारतीय फिल्मों को किसी न किसी डर की वजह से बैन कर चुका है। आइए, जानते हैं शाहरुख और सलमान सहित इन स्टार्स की फिल्में क्यों हुईं पाकिस्तान में बैन...
2012 में आई डायरेक्टर कबीर खान की फिल्म 'एक था टाइगर' को पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया था। सलमान खान, कैटरीना कैफ, रणवीर शौरी और गिरीश कर्नाड इसमें मुख्य भूमिका में थे। पाकिस्तानी सिक्युरिटी एजेंसी और भारत के बीच विवाद के चलते पाकिस्तान सरकार ने इस फिल्म पर बैन लगा दिया था। दरअसल, फिल्म में कुछ न कुछ ऐसा था, जो पाकिस्तान के नेशनल इंटरेस्ट के अगेंस्ट था।
साल 2012 में आई डायरेक्टर यश चोपड़ा की फिल्म 'जब तक है जान' में शाहरुख खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका में थे। दरअसल, इस फिल्म में शाहरुख खान कश्मीर में इंडियन आर्मी के बम डिस्पोजल दस्ते के मेंबर होते हैं। इस वजह से पाकिस्तान ने इसे बैन किया था। हालांकि बाद में कराची में हुए प्रीमियर में फिल्म का वेलकम किया गया था।
साल 2011 में आई डायरेक्टर मिलन लुथारिया की फिल्म 'द डर्टी पिक्चर' में विद्या बालन, इमरान हाशमी, नसीरुद्दीन शाह और तुषार कपूर मुख्य भूमिकाओं में थे। यह फिल्म सिल्क स्मिता की लाइफ पर बेस्ड थी, जिसकी वजह से इसमें कई बोल्ड सीन और डायलॉग थे। यही वजह थी कि पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने इसे बैन कर दिया।
साल 2013 में आई डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में फरहान अख्तर, सोनम कपूर, दिव्या दत्ता, पवन मल्होत्रा और योगराज सिंह थे। यह फिल्म इंडियन एथलीट 'फ्लाइंग सिख' मिल्खा सिंह पर बेस्ड थी। दरअसल, फिल्म में दिखाया गया है कि भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान मिल्खा के फैमिली मेंबर्स की हत्या कर दी जाती है। हालांकि बाद में फिल्म से बैन हटा दिया गया था।
साल 2013 में आई डायरेक्टर रोहित शेट्टी की फिल्म 'चेन्नई एक्प्रेस' में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में थे। हालांकि शाहरुख की इस फिल्म को चेन्नई में परमानेंट बैन नहीं किया गया था। दरअसल, पाकिस्तान के डिस्ट्रीब्यूटर्स नहीं चाहते थे कि ईद पर कोई इंडियन फिल्म यहां रिलीज हो, क्योंकि पाकिस्तान में इस साल पहले से ही ईद पर चार फिल्में रिलीज हुई थीं।
फिल्म- खिलाड़ी 786
साल 2012 में आई डायरेक्टर आशीष आर मोहन की फिल्म 'खिलाड़ी 786' में अक्षय कुमार, असिन, हिमेश रेशमिया और मिथुन चक्रवर्ती थे। दरअसल, 786 मुस्लिमों का पवित्र अंक है। ऐसे में कहीं यह फिल्म मुस्लिमों के रिलीजियस सेंटीमेंट (धार्मिक भावना) को हर्ट न करे, इसके चलते इसे पाकिस्तान ने बैन कर दिया था।
साल 2012 में आई डायरेक्टर श्रीराम राघवन की फिल्म 'एजेंट विनोद' में सैफ अली खान, करीना कपूर और प्रेम चोपड़ा थे। इस फिल्म को रिलीज के कुछ दिनों पहले ही बैन किया गया था। इस फिल्म में सैफ अली खान इंडियन इंटेलीजेंस में होते हैं। फिल्म का मेजर इश्यू ये था कि इसमें सीनियर पाकिस्तानी ऑफिसर्स को अफगानिस्तान में तालिबान का सपोर्ट करते हुए दिखाया गया है।
फिल्म- तेरे बिन लादेन
साल 2010 में आई डायरेक्टर अभिषेक शर्मा की फिल्म 'तेरे बिन लादेन' में अली जफर, प्रद्युमन सिंह, पीयूष मिश्रा और सुगंधा गर्ग मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में ओसामा बिन लादेन को कॉमिक कैरेक्टर में दिखाया गया है। यही बात पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड को पसंद नहीं आई और फिल्म को बैन कर दिया गया।
फिल्म- डेविड
साल 2013 में आई डायरेक्टर बिजॉय नाम्बियार की फिल्म 'डेविड' में विक्रम, नील नितिन मुकेश, तब्बू, लारा दत्ता और विनय विरमानी थे। यह फिल्म पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड द्वारा बनाए गए बेसिक क्राइटेरिया पर खरी नहीं उतरी। पाक सेंसर बोर्ड को लगा कि यह पाकिस्तानी दर्शकों के लिए ठीक नहीं है।
फिल्म- लाहौर
साल 2010 में आई डायरेक्टर संजय पूरन सिंह चौहान की फिल्म 'लाहौर' में अनहाद, श्रद्धा दास, फारुख शेख, नफीसा अली और सब्यसाची थे। यह फिल्म भारत-और पाकिस्तान के हालातों को बयां करती है। हालांकि फिल्म के कुछ सीन और डायलॉग पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को ऑब्जेक्शनेबल लगे। यही वजह थी कि इसे भी बैन कर दिया गया।
(इनपुट एजेंसी से भी)
वैसे ये पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान ने किसी भारतीय गाने या फिल्म पर बैन लगाया है। इससे पहले भी पाकिस्तान कई भारतीय फिल्मों को किसी न किसी डर की वजह से बैन कर चुका है। आइए, जानते हैं शाहरुख और सलमान सहित इन स्टार्स की फिल्में क्यों हुईं पाकिस्तान में बैन...
एक था टाइगर
2012 में आई डायरेक्टर कबीर खान की फिल्म 'एक था टाइगर' को पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया था। सलमान खान, कैटरीना कैफ, रणवीर शौरी और गिरीश कर्नाड इसमें मुख्य भूमिका में थे। पाकिस्तानी सिक्युरिटी एजेंसी और भारत के बीच विवाद के चलते पाकिस्तान सरकार ने इस फिल्म पर बैन लगा दिया था। दरअसल, फिल्म में कुछ न कुछ ऐसा था, जो पाकिस्तान के नेशनल इंटरेस्ट के अगेंस्ट था।
जब तक है जान
साल 2012 में आई डायरेक्टर यश चोपड़ा की फिल्म 'जब तक है जान' में शाहरुख खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका में थे। दरअसल, इस फिल्म में शाहरुख खान कश्मीर में इंडियन आर्मी के बम डिस्पोजल दस्ते के मेंबर होते हैं। इस वजह से पाकिस्तान ने इसे बैन किया था। हालांकि बाद में कराची में हुए प्रीमियर में फिल्म का वेलकम किया गया था।
द डर्टी पिक्चर
साल 2011 में आई डायरेक्टर मिलन लुथारिया की फिल्म 'द डर्टी पिक्चर' में विद्या बालन, इमरान हाशमी, नसीरुद्दीन शाह और तुषार कपूर मुख्य भूमिकाओं में थे। यह फिल्म सिल्क स्मिता की लाइफ पर बेस्ड थी, जिसकी वजह से इसमें कई बोल्ड सीन और डायलॉग थे। यही वजह थी कि पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने इसे बैन कर दिया।
भाग मिल्खा भाग
साल 2013 में आई डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में फरहान अख्तर, सोनम कपूर, दिव्या दत्ता, पवन मल्होत्रा और योगराज सिंह थे। यह फिल्म इंडियन एथलीट 'फ्लाइंग सिख' मिल्खा सिंह पर बेस्ड थी। दरअसल, फिल्म में दिखाया गया है कि भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान मिल्खा के फैमिली मेंबर्स की हत्या कर दी जाती है। हालांकि बाद में फिल्म से बैन हटा दिया गया था।
फिल्म- चेन्नई एक्सप्रेस
साल 2013 में आई डायरेक्टर रोहित शेट्टी की फिल्म 'चेन्नई एक्प्रेस' में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में थे। हालांकि शाहरुख की इस फिल्म को चेन्नई में परमानेंट बैन नहीं किया गया था। दरअसल, पाकिस्तान के डिस्ट्रीब्यूटर्स नहीं चाहते थे कि ईद पर कोई इंडियन फिल्म यहां रिलीज हो, क्योंकि पाकिस्तान में इस साल पहले से ही ईद पर चार फिल्में रिलीज हुई थीं।
फिल्म- खिलाड़ी 786
साल 2012 में आई डायरेक्टर आशीष आर मोहन की फिल्म 'खिलाड़ी 786' में अक्षय कुमार, असिन, हिमेश रेशमिया और मिथुन चक्रवर्ती थे। दरअसल, 786 मुस्लिमों का पवित्र अंक है। ऐसे में कहीं यह फिल्म मुस्लिमों के रिलीजियस सेंटीमेंट (धार्मिक भावना) को हर्ट न करे, इसके चलते इसे पाकिस्तान ने बैन कर दिया था।
फिल्म- एजेंट विनोद
साल 2012 में आई डायरेक्टर श्रीराम राघवन की फिल्म 'एजेंट विनोद' में सैफ अली खान, करीना कपूर और प्रेम चोपड़ा थे। इस फिल्म को रिलीज के कुछ दिनों पहले ही बैन किया गया था। इस फिल्म में सैफ अली खान इंडियन इंटेलीजेंस में होते हैं। फिल्म का मेजर इश्यू ये था कि इसमें सीनियर पाकिस्तानी ऑफिसर्स को अफगानिस्तान में तालिबान का सपोर्ट करते हुए दिखाया गया है।
फिल्म- तेरे बिन लादेन
साल 2010 में आई डायरेक्टर अभिषेक शर्मा की फिल्म 'तेरे बिन लादेन' में अली जफर, प्रद्युमन सिंह, पीयूष मिश्रा और सुगंधा गर्ग मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में ओसामा बिन लादेन को कॉमिक कैरेक्टर में दिखाया गया है। यही बात पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड को पसंद नहीं आई और फिल्म को बैन कर दिया गया।
फिल्म- डेविड
साल 2013 में आई डायरेक्टर बिजॉय नाम्बियार की फिल्म 'डेविड' में विक्रम, नील नितिन मुकेश, तब्बू, लारा दत्ता और विनय विरमानी थे। यह फिल्म पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड द्वारा बनाए गए बेसिक क्राइटेरिया पर खरी नहीं उतरी। पाक सेंसर बोर्ड को लगा कि यह पाकिस्तानी दर्शकों के लिए ठीक नहीं है।
फिल्म- लाहौर
साल 2010 में आई डायरेक्टर संजय पूरन सिंह चौहान की फिल्म 'लाहौर' में अनहाद, श्रद्धा दास, फारुख शेख, नफीसा अली और सब्यसाची थे। यह फिल्म भारत-और पाकिस्तान के हालातों को बयां करती है। हालांकि फिल्म के कुछ सीन और डायलॉग पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को ऑब्जेक्शनेबल लगे। यही वजह थी कि इसे भी बैन कर दिया गया।
(इनपुट एजेंसी से भी)
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