मुंबई:
'गिप्पी' कहानी है एक ऐसी लड़की की, जिसका वजन ज्यादा है और अपनी तलाकशुदा मां और छोटे भाई के साथ रहती है। जिस स्कूल में वह पढ़ती है, वहां उसके साथी उसके मोटापे और सादगी का मज़ाक उड़ाते हैं और उसे नकारा समझते हैं।
हालांकि उसके साथ उसके पक्के दोस्त भी हैं, जो हर वक्त उसकी मदद के लिए तैयार रहते हैं। दूसरी तरफ़ है क्लास की इंटेलिजेंट और खूबसूरत लड़की शमीरा, जो हर मामले में गिप्पी से आगे है और अक्सर गिप्पी को नीचा दिखाने के मौके ढूंढती रहती है।
फ़िल्मकार सोनम नायर ने गिप्पी की उम्र की लड़कियों की मानसिकता और परेशानियों को थोड़े से ह्यूमर के साथ बहुत ही खूबसूरती से पर्दे पर पेश किया है। यह फ़िल्म देखकर आप शायद अपने बचपन में लौट जाएं। फ़िल्म और उसके किरदारों की सादगी आपको हंसाएगी भी और यादों के सफ़र पर भी ले जाएगी।
गिप्पी के किरदार में रिया विज ने अच्छा काम किया है और उनकी मां के किरदार में दिव्या दत्ता भी खूब जंची हैं। फ़िल्म में शम्मी कपूर के गानों का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है, जो फ़िल्म को अच्छी गति देता है। इसके साथ ही ये गाने 'गिप्पी' के किरदार को और मज़बूत बनाते हैं। मुझे जो कमी लगी, वह थी फ़िल्म में दिखाई गई कम उम्र की लड़कियों की निजी बातचीत.. जिससे फ़िल्मकार बच सकते थे, क्योंकि कई लड़कियां शायद कुछ बातों को परिवार से शेयर करने से संकोच करे।
इसके अलावा इंटरवल तक यह लगता है कि कहीं दर्शकों को एक और 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' तो नहीं दिखाई जा रही, पर बाद में निर्देशक सोनम नायर ने फ़िल्म को संभाल लिया। कुल मिलाकर मैं कहूंगा कि एक छोटे बजट की फ़िल्म, छोटे बच्चों की कहानी के साथ बड़ा संदेश दे जाती है। जिसे बड़ी खूबसूरती के साथ पर्दे पर उतारा गया है।
फ़िल्म में एक और किरदार है अर्जुन, जिसे गिप्पी अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाना चाहती है। इसका किरदार निभाया है ताहा शाह ने... शाहा का स्क्रीन प्रेजेंस कमाल का है। बाकी कलाकारों का काम भी सराहनीय है, इसलिए फ़िल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3.5 स्टार
हालांकि उसके साथ उसके पक्के दोस्त भी हैं, जो हर वक्त उसकी मदद के लिए तैयार रहते हैं। दूसरी तरफ़ है क्लास की इंटेलिजेंट और खूबसूरत लड़की शमीरा, जो हर मामले में गिप्पी से आगे है और अक्सर गिप्पी को नीचा दिखाने के मौके ढूंढती रहती है।
फ़िल्मकार सोनम नायर ने गिप्पी की उम्र की लड़कियों की मानसिकता और परेशानियों को थोड़े से ह्यूमर के साथ बहुत ही खूबसूरती से पर्दे पर पेश किया है। यह फ़िल्म देखकर आप शायद अपने बचपन में लौट जाएं। फ़िल्म और उसके किरदारों की सादगी आपको हंसाएगी भी और यादों के सफ़र पर भी ले जाएगी।
गिप्पी के किरदार में रिया विज ने अच्छा काम किया है और उनकी मां के किरदार में दिव्या दत्ता भी खूब जंची हैं। फ़िल्म में शम्मी कपूर के गानों का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है, जो फ़िल्म को अच्छी गति देता है। इसके साथ ही ये गाने 'गिप्पी' के किरदार को और मज़बूत बनाते हैं। मुझे जो कमी लगी, वह थी फ़िल्म में दिखाई गई कम उम्र की लड़कियों की निजी बातचीत.. जिससे फ़िल्मकार बच सकते थे, क्योंकि कई लड़कियां शायद कुछ बातों को परिवार से शेयर करने से संकोच करे।
इसके अलावा इंटरवल तक यह लगता है कि कहीं दर्शकों को एक और 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' तो नहीं दिखाई जा रही, पर बाद में निर्देशक सोनम नायर ने फ़िल्म को संभाल लिया। कुल मिलाकर मैं कहूंगा कि एक छोटे बजट की फ़िल्म, छोटे बच्चों की कहानी के साथ बड़ा संदेश दे जाती है। जिसे बड़ी खूबसूरती के साथ पर्दे पर उतारा गया है।
फ़िल्म में एक और किरदार है अर्जुन, जिसे गिप्पी अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाना चाहती है। इसका किरदार निभाया है ताहा शाह ने... शाहा का स्क्रीन प्रेजेंस कमाल का है। बाकी कलाकारों का काम भी सराहनीय है, इसलिए फ़िल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3.5 स्टार
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