नई दिल्ली:
आगामी फिल्म 'डियर माया' से वापसी कर रहीं अभिनेत्री मनीषा कोईराला का कहना है कि इस फिल्म का प्रचार पूरा करने के बाद वह पहाड़ों में छुट्टियां बिताना पसंद करेंगी. मनीषा ने सोमवार को निर्देशक इम्तियाज अली और 'डियर माया' की निर्देशक सुनैना भटनागर के साथ अपने जीवन और करियर के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा, "मैं फिल्मों से परे चीजों को जानना पसंद करती हूं. इस फिल्म का प्रचार करने के बाद मैं पहाड़ों में छुट्टियां मनाने जा रही हूं. मुझे प्रकृति का सानिध्य पसंद है. इसी तरह साधुओं और फकीरों से घंटों बातें करना भी मुझे बहुत अच्छा लगता है.'
अभिनेत्री ने कहा कि वह विभिन्न लोगों और विचारों को जानने व समझने और यात्रा करने के लिए उत्सुक रहती हैं. मनीषा ने फिल्म के बारे में कहा, "इसकी पटकथा अद्भुत है. लंबे अर्से से मैं अच्छी पटकथा का इंतजार कर रही थी. मैंने फैसला किया था कि मैं कुछ नया, अर्थपूर्ण और अलग करूंगी."
फिल्म 'बांबे' और 'खामोशी : द म्यूजिकल' की अभिनेत्री ने फिल्म उद्योग के वर्तमान परिदृश्य पर भी बात की. मनीषा के मुताबिक, "चीजें अब बदल गई हैं और काफी बेहतर हो गई हैं. अब कलाकारों से उम्मीदें, पेशेवराना रवैये और मांगें बढ़ गई हैं. आज के दौर में एक कलाकार को न सिर्फ अच्छा अभिनय करना होता है बल्कि इसी तरह अपने बोलने और सार्वजनिक रूप से नजर आने और अपने व्यवहार को लेकर भी सर्तक रहना पड़ता है. यह जिम्मेदारी बन गई है."
उन्होंने बताया कि पहले कलाकार एक दिन में दो से तीन पाली में काम करते थे और इससे उनमें आलस और आत्मसंतुष्टि जग जाती थी. अब फिल्मों की गुणवत्ता काफी सुधर गई है. फिल्मों में वास्तविकता का समावेश किया जाने लगा है और उन्हें यह दौर पसंद है क्योंकि इस दौर में बेहतरीन फिल्में बन रही हैं.
फिल्म 'दिल से.' में शाहरुख के साथ काम करने के अनुभव के बारे में मनीषा ने कहा कि शाहरुख हमेशा जोश और उर्जा से भरपूर रहते हैं. उनके साथ काम करने का अनुभव शानदार रहा. मनीषा ने विधु विनोद चोपड़ा (1942 : ए लव स्टोरी), मणि रत्नम (दिल से..) और संजय लीला भंसाली (खामोशी : द म्यूजिकल) जैसे फिल्मकारों के साथ काम करने के अनुभव को भी शानदार बताया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अभिनेत्री ने कहा कि वह विभिन्न लोगों और विचारों को जानने व समझने और यात्रा करने के लिए उत्सुक रहती हैं. मनीषा ने फिल्म के बारे में कहा, "इसकी पटकथा अद्भुत है. लंबे अर्से से मैं अच्छी पटकथा का इंतजार कर रही थी. मैंने फैसला किया था कि मैं कुछ नया, अर्थपूर्ण और अलग करूंगी."
फिल्म 'बांबे' और 'खामोशी : द म्यूजिकल' की अभिनेत्री ने फिल्म उद्योग के वर्तमान परिदृश्य पर भी बात की. मनीषा के मुताबिक, "चीजें अब बदल गई हैं और काफी बेहतर हो गई हैं. अब कलाकारों से उम्मीदें, पेशेवराना रवैये और मांगें बढ़ गई हैं. आज के दौर में एक कलाकार को न सिर्फ अच्छा अभिनय करना होता है बल्कि इसी तरह अपने बोलने और सार्वजनिक रूप से नजर आने और अपने व्यवहार को लेकर भी सर्तक रहना पड़ता है. यह जिम्मेदारी बन गई है."
उन्होंने बताया कि पहले कलाकार एक दिन में दो से तीन पाली में काम करते थे और इससे उनमें आलस और आत्मसंतुष्टि जग जाती थी. अब फिल्मों की गुणवत्ता काफी सुधर गई है. फिल्मों में वास्तविकता का समावेश किया जाने लगा है और उन्हें यह दौर पसंद है क्योंकि इस दौर में बेहतरीन फिल्में बन रही हैं.
फिल्म 'दिल से.' में शाहरुख के साथ काम करने के अनुभव के बारे में मनीषा ने कहा कि शाहरुख हमेशा जोश और उर्जा से भरपूर रहते हैं. उनके साथ काम करने का अनुभव शानदार रहा. मनीषा ने विधु विनोद चोपड़ा (1942 : ए लव स्टोरी), मणि रत्नम (दिल से..) और संजय लीला भंसाली (खामोशी : द म्यूजिकल) जैसे फिल्मकारों के साथ काम करने के अनुभव को भी शानदार बताया.
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