Mumbai:
दो अलग सोच के लोग बेहतरीन पार्टनर होते हैं इस सोच को गलत ठहराती है ये फिल्म। फिल्म कहती है कि लाइक माइंड पार्टनर ढूंढो और बिना समझौता किए खुश रहो। कहानी नैना के अलावा जय और गोविंद जैसे दोस्तों की है। म्यूजिक लवर नैना की पसंद इन्वेस्टमेंट बैंकिंग पार्टनर ध्रुव से एकदम अलग है। कुछ इसी तरह से जय उर्फ जाएद खान और गोविंद यानी सायरस साहूकार की लव लाइफ से भी चमक चली गई है। तीनों एक शादी में मिलते हैं और धीरे-धीरे इन्हें एहसास होता है कि ये अपने एग्जिस्टिंग पार्टनर्स के लिए नहीं बने हैं। इतनी-सी बात कहने के लिए राइटर डायरेक्टर साहिल सांघा ने बेहद लंबा रास्ता चुना। स्टोरी तो फिल्म में है ही नहीं लेकिन इमोशनल ड्रामा, टि्वस्ट टर्न….सब गायब है। कभी-कभार शरारती दोस्तों के डायलॉग्स जरूर चेहरे पर मुस्कुराहट ले आते हैं। प्रोड्यूसर के तौर पर दीया मिर्जा और जाएद खान की ये पहली फिल्म है लेकिन लगता है दीया के डायरेक्टर ब्वॉयफ्रेंड साहिल सांघा ने स्क्रिप्ट से ज्यादा ध्यान दीया के कॉस्ट्यूम और आर्टवर्क पर दे दिया। एक्टिंग, परफॉरमेंस….और रब राखा नाम का गाना…ठीक है। 'लव ब्रेकअप्स जिंदगी' जैसी साफ सुथरी फिल्म दीया की ओर से एक डीसेंट अटेम्प्ट है लेकिन कमी है पेस की। फिल्म इतनी स्लो है कि शाहरुख खान… और रितेश देशमुख जैसे स्टार्स भी इसे उठा नहीं पाते। इससे पहले…मैंने इतनी स्लो फिल्म 'मौसम' देखी थी। अब ये दीया का मौसम है। फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 2 स्टार।
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