'कुमकुम भाग्य' के एक दृश्य में सृति झा (फोटो साभार : जी टीवी)
नई दिल्ली:
ज्वेलरी शॉप में प्रज्ञा के गले में मंगलसूत्र फंस जाने के उसे निकालने के लिए अभि शॉप के ही किसी एक सदस्य को लेकर आता है. ये देख तनु को काफी गुस्सा आता है. इधर प्रज्ञा के गले से मंगलसूत्र निकालने की कोशिश जारी थी कि इतने में शॉप के अंदर कुछ डकैत आ जाते हैं. डकैत शॉप के मालिक समेत सभी सदस्यों को बंधक बना लेता है. उसके बाद शॉप के अंदर भगदड़ मच जाती है.
ग्राहक इधर-उधर भागने लगते हैं. इसी दौरान अभि, तनु और प्रज्ञा को भी डकैत बंधक बना लेते हैं. इस भगदड़ के बीच प्रज्ञा के पास पूरव का कॉल आता है और प्रज्ञा किसी तरह डकैतों से बचकर पूरव से बात करती है. वह पूरव को बताती है कि वह और अभि जिस ज्वेलरी शॉप में हैं, वहां कुछ डकैत घुस आएं हैं और सभी को बंधक बना लिया गया है. यह सुनकर पूरव तुरंत दादी को यह बात बताता है और पुलिस स्टेशन जाने का निर्णय लेता है.
लेकिन, इसी दौरान जब डकैत शॉप के सदस्यों को पीटता है और शॉप के मालिक को पैनिक अलार्म बजाने से रोकता है तो प्रज्ञा पुलिस को कॉल करने का निर्णय लेती है और बड़ी चालाकी से वह पुलिस को कॉल करके सारी बात बता देती है. तभी तनु की नजर प्रज्ञा पर पड़ती है और उसे लगता है कि प्रज्ञा किसी से मदद मांग रही है और वह सोचती है कि अगर ये सारे डकैत पकड़े गए तो प्रज्ञा सभी के नजरों में हीरोइन बन जाएगी और अभि फिर से उससे प्रभावित हो जाएगा.
उसके बाद तनु प्रज्ञा को डकैत के हाथों पकड़वाने का प्लान करती है ताकि डकैत उसे मार दे, लेकिन तनु का यह प्लान सफल नहीं हो पाता है. अभि डकैतों से प्रज्ञा को बचाने की पूरी कोशिश करता है. आखिरकार, पुलिस मौके पर पहुंच जाती है और डकैतों को सरेंडर करने को कहती है. इस पर सारे डकैत डर जाते हैं और प्रज्ञा को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं और प्रज्ञा को जान से मारने का निर्णय लेते हैं.
ग्राहक इधर-उधर भागने लगते हैं. इसी दौरान अभि, तनु और प्रज्ञा को भी डकैत बंधक बना लेते हैं. इस भगदड़ के बीच प्रज्ञा के पास पूरव का कॉल आता है और प्रज्ञा किसी तरह डकैतों से बचकर पूरव से बात करती है. वह पूरव को बताती है कि वह और अभि जिस ज्वेलरी शॉप में हैं, वहां कुछ डकैत घुस आएं हैं और सभी को बंधक बना लिया गया है. यह सुनकर पूरव तुरंत दादी को यह बात बताता है और पुलिस स्टेशन जाने का निर्णय लेता है.
लेकिन, इसी दौरान जब डकैत शॉप के सदस्यों को पीटता है और शॉप के मालिक को पैनिक अलार्म बजाने से रोकता है तो प्रज्ञा पुलिस को कॉल करने का निर्णय लेती है और बड़ी चालाकी से वह पुलिस को कॉल करके सारी बात बता देती है. तभी तनु की नजर प्रज्ञा पर पड़ती है और उसे लगता है कि प्रज्ञा किसी से मदद मांग रही है और वह सोचती है कि अगर ये सारे डकैत पकड़े गए तो प्रज्ञा सभी के नजरों में हीरोइन बन जाएगी और अभि फिर से उससे प्रभावित हो जाएगा.
उसके बाद तनु प्रज्ञा को डकैत के हाथों पकड़वाने का प्लान करती है ताकि डकैत उसे मार दे, लेकिन तनु का यह प्लान सफल नहीं हो पाता है. अभि डकैतों से प्रज्ञा को बचाने की पूरी कोशिश करता है. आखिरकार, पुलिस मौके पर पहुंच जाती है और डकैतों को सरेंडर करने को कहती है. इस पर सारे डकैत डर जाते हैं और प्रज्ञा को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं और प्रज्ञा को जान से मारने का निर्णय लेते हैं.
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