करिश्मा की पति संजय कपूर संग फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर और उनके कारोबारी पति संजय कपूर के बीच वैवाहिक विवाद आपसी सहमति से सुलझने को अपनी मंजूरी दी। शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित 'रजामंदी शर्तों' को रिकॉर्ड में लिया। इसके तहत उनके दोनों बच्चे करिश्मा के पास रहेंगे, जबकि उनसे अलग हुए पति के पास बच्चों से मिलने का अधिकार होगा।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस आरके अग्रवाल की पीठ के सामने बंद कमरे में सुनवाई के बाद करिश्मा की ओर से पेश अधिवक्ता संदीप कपूर ने कहा कि दंपति के बीच सभी लंबित विवाद आपसी सहमति से सुलझ गए। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हुए समझौते के तहत इस बात पर सहमति बनी है कि उनके पति द्वारा मुंबई की एक अदालत में दायर तलाक याचिका को अब आपसी सहमति से तलाक याचिका में बदला जाएगा, जबकि अभिनेत्री ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा निवारण कानून के तहत दर्ज मामला दो हफ्ते में वापस लेने पर सहमति जताई।
वकील ने कहा कि बंद कमरे में कार्यवाही में उनके पति के वकील भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, 'हम ने भादंसं की धारा 498 ए (महिला क्रूरता) के तहत मुंबई की एक निचली अदालत में हमारे द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को खत्म करने पर सहमति जताई और शीर्ष अदालत ने इसे इसी के अनुरूप निरस्त किया।' उन्होंने कहा कि करिश्मा के पति के पास छुट्टियों के दौरान अपने दोनों बच्चों से मिलने का अधिकार होगा।
इस समझौते से ठीक एक महीने पहले आठ मार्च को दंपति ने शीर्ष अदालत को बताया था कि उन्होंने इस मामले के वित्तीय पहलुओं के संबंध में आपसी समाधान निकाल लिया है और संजय के बच्चों से मिलने जैसे विषयों को भी सुलझाया जाएगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस आरके अग्रवाल की पीठ के सामने बंद कमरे में सुनवाई के बाद करिश्मा की ओर से पेश अधिवक्ता संदीप कपूर ने कहा कि दंपति के बीच सभी लंबित विवाद आपसी सहमति से सुलझ गए। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हुए समझौते के तहत इस बात पर सहमति बनी है कि उनके पति द्वारा मुंबई की एक अदालत में दायर तलाक याचिका को अब आपसी सहमति से तलाक याचिका में बदला जाएगा, जबकि अभिनेत्री ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा निवारण कानून के तहत दर्ज मामला दो हफ्ते में वापस लेने पर सहमति जताई।
वकील ने कहा कि बंद कमरे में कार्यवाही में उनके पति के वकील भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, 'हम ने भादंसं की धारा 498 ए (महिला क्रूरता) के तहत मुंबई की एक निचली अदालत में हमारे द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को खत्म करने पर सहमति जताई और शीर्ष अदालत ने इसे इसी के अनुरूप निरस्त किया।' उन्होंने कहा कि करिश्मा के पति के पास छुट्टियों के दौरान अपने दोनों बच्चों से मिलने का अधिकार होगा।
इस समझौते से ठीक एक महीने पहले आठ मार्च को दंपति ने शीर्ष अदालत को बताया था कि उन्होंने इस मामले के वित्तीय पहलुओं के संबंध में आपसी समाधान निकाल लिया है और संजय के बच्चों से मिलने जैसे विषयों को भी सुलझाया जाएगा।
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