
नोएडा:
अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर सिनेमा जगत की कार्पोरेट संस्कृति और प्रौद्योगिक क्रांति से बेहद अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट माहौल में काम करने का अनुभव उनके लिए नया होगा और उन्होंने इस बदलाव के लिए खुद को तैयार कर लिया है। शिल्पा नब्बे के दशक में हिन्दी फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री रह चुकी हैं।
शिल्पा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब नोएडा में जी टीवी के कार्यक्रम 'एक मुट्ठी आसमान' की शूटिंग के दौरान बताया, मुझे कभी बॉलीवुड की याद नहीं आई, दरअसल इसके लिए मेरे पास समय ही नहीं था। मैं अपने वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में सुखी और व्यस्त थी। हाल ही में शिल्पा अपने पति और बेटी के साथ मुंबई वापस लौटी हैं।
उन्होंने कहा, अब जबकि पूरे 10 साल बाद मै मुंबई वापस लौटी हूं, तो जब मुझे इस कार्यक्रम का प्रस्ताव मिला, मैंने हां कर दी। मुझे काम पाने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ी। शिल्पा ने कहा कि पिछले 10 सालों में उन्हें बॉलीवुड की चमक-दमक वाली जीवनशैली की एक बार भी याद नहीं आई। उन्होंने शादी के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ दिया था।
इस समय शिल्पा नौ वर्षीया बेटी की मां हैं। उन्होंने 'किशन कन्हैया' (1989) और 'खुदा गवाह' (1993) जैसी हिन्दी फिल्मों में काम किया है।
शिल्पा मानती हैं कि इंसान के जीवन में विवाह और रिश्ते का बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा, मैं हर किसी के सामने वैवाहिक रिश्ते की वकालत करती हूं।
यह पूछे जाने पर कि मुंबई आने के बाद क्या वह अपने पुराने सह-कलाकारों से मिलीं, उन्होंने कहा, नहीं मैं किसी से नहीं मिली। मैं पार्टी नहीं करती। समारोहों में मैं कम ही भाग लेती हूं। हां, कार्यक्रम के बाद शायद मैं लोगों से मिलना-जुलना शुरू कर दूं। फिलहाल मैं जहां हूं, जैसी हूं, खुश हूं।
शिल्पा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब नोएडा में जी टीवी के कार्यक्रम 'एक मुट्ठी आसमान' की शूटिंग के दौरान बताया, मुझे कभी बॉलीवुड की याद नहीं आई, दरअसल इसके लिए मेरे पास समय ही नहीं था। मैं अपने वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में सुखी और व्यस्त थी। हाल ही में शिल्पा अपने पति और बेटी के साथ मुंबई वापस लौटी हैं।
उन्होंने कहा, अब जबकि पूरे 10 साल बाद मै मुंबई वापस लौटी हूं, तो जब मुझे इस कार्यक्रम का प्रस्ताव मिला, मैंने हां कर दी। मुझे काम पाने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ी। शिल्पा ने कहा कि पिछले 10 सालों में उन्हें बॉलीवुड की चमक-दमक वाली जीवनशैली की एक बार भी याद नहीं आई। उन्होंने शादी के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ दिया था।
इस समय शिल्पा नौ वर्षीया बेटी की मां हैं। उन्होंने 'किशन कन्हैया' (1989) और 'खुदा गवाह' (1993) जैसी हिन्दी फिल्मों में काम किया है।
शिल्पा मानती हैं कि इंसान के जीवन में विवाह और रिश्ते का बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा, मैं हर किसी के सामने वैवाहिक रिश्ते की वकालत करती हूं।
यह पूछे जाने पर कि मुंबई आने के बाद क्या वह अपने पुराने सह-कलाकारों से मिलीं, उन्होंने कहा, नहीं मैं किसी से नहीं मिली। मैं पार्टी नहीं करती। समारोहों में मैं कम ही भाग लेती हूं। हां, कार्यक्रम के बाद शायद मैं लोगों से मिलना-जुलना शुरू कर दूं। फिलहाल मैं जहां हूं, जैसी हूं, खुश हूं।
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