विज्ञापन
This Article is From Aug 28, 2017

गीतकार इरशाद कामिल ने कहा, मैंने आज तक कोई रोमांटिक सॉन्ग या आइटम नंबर नहीं लिखा!

एनडीटीवी यूथ फॉर चेंज कॉनक्लेव के “म्यूजिक आजकल” सेशन में गीतकार इरशाद कामिल ने मौजूदा गीत-संगीत पर रखी अपनी राय

गीतकार इरशाद कामिल ने कहा, मैंने आज तक कोई रोमांटिक सॉन्ग या आइटम नंबर नहीं लिखा!
गीतकार इरशाद कामिल
नई दिल्ली: एनडीटीवी यूथ फॉर चेंज कॉनक्लेव के “म्यूजिक आजकल” सेशन में गीतकार इरशाद कामिल ने कहा कि वे हमेशा उस तरह के गाने लिखते हैं, जिस तरह के कैरेक्टर होते हैं. मंच का संचालन नगमा सहर ने किया जबकि इस सेशन में इरशाद के अलावा गायिका नीति मोहन, गायक अरमान मलिक और संगीतकार जोड़ी सचिन-जिगर भी मौजूद थे. इरशाद कामिल ने कहा, “जैसा कैरेक्टर होता है वैसे ही मैं उसको आगे बढ़ाता हूं. कहानियां आपको किरदार देती हैं. बतौर गीतकार आपको वह किरदार बार-बार बनना पड़ता है. बिना किरदार को जाने मेरे लिए गीत लिखना बहुत मुश्किल होता है. इसलिए न तो मैं आइटम सॉन्ग लिखता हूं और न ही रोमांटिक सॉन्ग. मैं किरदार के लिए गाना लिखता हूं.”

यह भी पढ़ेंः Box Office Collection Day 3: फ्लॉप हुआ 'सुंदर-सुशील जेंटलमैन', 'बंदूकबाज' ने मारी बाजी

जैसी फिल्में, वैसे गीत
गीतों में आ रहे बदलाव के बारे में इरशाद ने कहा, “मुझे सबसे पहले यह लगता है कि जिस तरह की फिल्में बन रही हैं. उसी तरह का संगीत बन रहा है. आजकल जमीन से उठी हुई कहानियां आ रही हैं और मौजूदा समाज को दिखाया जा रहा है. पहले सोशल मैसेज देने वाली कहानियां वह बनती थीं जो इतिहास का हिस्सा होती थीं. आज ज्यादा फिल्में समाज से निकली हुई कहानियां हैं. जैसे पिंक और दंगल. हकीकत के काफी करीब हैं. इस तरह की फिल्मों में म्यूजिक का स्कोप कम हो जाता है.”

Video: वक्त के साथ कितना बदला है बॉलीवुड म्यूजिक?



किससे सीखा
उन्होंने बताया, "कोई एक गीतकार नहीं है. कई सारे लोगों से थोड़ा-थोड़ा सीखा. जैसे साहिर साहेब में रूमानियत में फिलॉसफी डालने का जो तरीका है वह बहुत खूबसूरत है. शैलेंद्र साहेब फोक लेकर आते हैं. मजरूह अपने लिखने के हुनर में बहुत पक्के हैं. विरासत को लेकर आगे जाना आपकी जिम्मेदारी नहीं है. लेकिन अपने लेवल पर अच्छा काम करना आपकी जिम्मेदारी है. जो आपको बेहतर इंसान नहीं बनाता उस पर सवाल उठना चाहिए. जो गीत सुनकर आपको सुकून मिलता हो वह किसी का भी लिखा हो वह अच्छी ही चीज है." 

एक बड़ा काम
"बतौर गीतकार मैंने शुरुआत चमेली से की थी. 2007 में जब वी मेट आई और चीजें पूरी तरह बदल गईं. एक्टर फिल्म हिट हो जाए तो सुपरस्टार बन जाता है. लेकिन गीतकार के गाने हिट हो जाए तो वह सुपरस्टार नहीं होता. लफ्ज के चेहरे नहीं होते. लफ्ज सिर्फ एहसास होता है. गाना किसने लिखा है उसे जानने में मेहनत करनी पढ़ती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
दीपिका पादुकोण-ऐश्वर्या राय से कई गुना है 90s की इस एक्ट्रेस की कमाई, अब फिल्मों से दूर रहकर भी बनीं भारत की सबसे अमीर हीरोइन
गीतकार इरशाद कामिल ने कहा, मैंने आज तक कोई रोमांटिक सॉन्ग या आइटम नंबर नहीं लिखा!
Jigra Box Office Collection Day 4: आलिया भट्ट के करियर का कलंक बनी जिगरा, चार दिन में पिटी फिल्म
Next Article
Jigra Box Office Collection Day 4: आलिया भट्ट के करियर का कलंक बनी जिगरा, चार दिन में पिटी फिल्म
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com