
बेंगलुरू:
वीएस नायपाल की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बाद लेखक और अभिनेता गिरीश कर्नाड ने एक और विवाद को जन्म देते हुए नोबल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को ‘दोयम दर्जे का नाटककार’ कहा है।
बेंगलुरू के बाहरी हिस्से में नेलमंगलम के पास संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कर्नाड ने कहा, ‘टैगोर एक महान कवि थे हालांकि वह एक औसत और दोयम दर्जे के नाटककार थे। उनके समकालीन बंगाली थियेटर ने उनके नाटकों को कभी स्वीकार नहीं किया।’
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कर्नाड ने कहा कि पिछले 50 साल में बादल सरकार, मोहन राकेश और विजय तेंदुलकर जैसे कई नाटककार हुए जो टैगोर से बेहतर हैं।
पिछले महीने कर्नाड ने वीएस नायपाल की उनके भारतीय मुस्लिमों के प्रति राय को लेकर आलोचना की थी।
ययाति, तुगलक, नागा मंडल जैसे कई नाटकों को लेकर चर्चित कर्नाड ने कहा कि टैगोर निर्धन चरित्रों को नहीं समझते थे क्योंकि वह कुलीन वर्ग से आते थे।
बेंगलुरू के बाहरी हिस्से में नेलमंगलम के पास संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कर्नाड ने कहा, ‘टैगोर एक महान कवि थे हालांकि वह एक औसत और दोयम दर्जे के नाटककार थे। उनके समकालीन बंगाली थियेटर ने उनके नाटकों को कभी स्वीकार नहीं किया।’
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कर्नाड ने कहा कि पिछले 50 साल में बादल सरकार, मोहन राकेश और विजय तेंदुलकर जैसे कई नाटककार हुए जो टैगोर से बेहतर हैं।
पिछले महीने कर्नाड ने वीएस नायपाल की उनके भारतीय मुस्लिमों के प्रति राय को लेकर आलोचना की थी।
ययाति, तुगलक, नागा मंडल जैसे कई नाटकों को लेकर चर्चित कर्नाड ने कहा कि टैगोर निर्धन चरित्रों को नहीं समझते थे क्योंकि वह कुलीन वर्ग से आते थे।
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