कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देते गुलाम अली
कोलकाता:
मशहूर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने मंगलवार को कोलकाता में आयोजित अपने कार्यक्रम से पूर्व कहा कि यहां प्रस्तुति का मौका देने पर वह सभी के आभारी हैं और बहुत खुश हैं। गौरतलब है कि इससे पहले मुंबई में प्रस्तावित उनका संगीत कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।
गुलाम अली ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में अपनी प्रस्तुति की शुरुआत में कहा, "मैं आज बहुत खुश हूं कि मैं 30-35 साल बाद कोलकाता आया हूं। लेकिन इस बार मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं 50 साल बाद यहां आया हूं। मैं बहुत उदास था, लेकिन आज मेरी उदासी खत्म हो गई है।"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुलाम अली का स्वागत किया। गुलाम अली ने खुशी के साथ कहा, "मैं उनका बहुत आभारी हूं। उन्होंने सरस्वती के रूप में बड़ा एहसान किया है।" ममता ने विश्वबंधुत्व के अपने विचार जाहिर किए और 75-वर्षीय गायक से शहर का दोबारा दौरा करने का अनुरोध किया। ममता ने एक शॉल और स्कार्फ के साथ गुलाम अली का स्वागत किया। गुलाम अली ने 1981 में कोलकाता में अपनी पहली प्रस्तुति दी थी।
गुलाम अली ने कहा, "गाना-वाना मुझे नहीं आता। मुझे सिर्फ संगीत आता है।" गुलाम अली को 'चुपके चुपके रात दिन', 'हंगामा है क्यों बरपा', 'किया है प्यार जिसे' जैसे कई गीतों के लिए जाना जाता है। सफेद कुर्ता-पाजामा पहने और एक शाल ओढ़े अली ने धैर्य और शांति बनाए रखने का अनुरोध किया, क्योंकि वह दर्शकों को 'दिल में एक लहर सी उठी है' सहित अपनी शायरी और गजल से प्रभावित करना चाहते हैं।
ममता बनर्जी को आंखें बंद कर अली के संगीत का आनंद लेते देखा गया और गुलाम अली की आवाज पूरे हॉल में प्रशंसकों के बीच गुंज रही थी। मुंबई में शिवसेना की धमकी के बाद रद्द हुए कार्यक्रम पर गुलाम अली ने नवंबर में 'भारत कभी न लौटने' की बात कही थी, और अपनी निराश व्यक्त की थी। गौरतलब है कि अक्टूबर में संगीत कार्यक्रम के रद्द होने के बाद ममता बनर्जी ने कोलकाता में कार्यक्रम की पेशकश की थी।
गुलाम अली ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में अपनी प्रस्तुति की शुरुआत में कहा, "मैं आज बहुत खुश हूं कि मैं 30-35 साल बाद कोलकाता आया हूं। लेकिन इस बार मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं 50 साल बाद यहां आया हूं। मैं बहुत उदास था, लेकिन आज मेरी उदासी खत्म हो गई है।"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुलाम अली का स्वागत किया। गुलाम अली ने खुशी के साथ कहा, "मैं उनका बहुत आभारी हूं। उन्होंने सरस्वती के रूप में बड़ा एहसान किया है।" ममता ने विश्वबंधुत्व के अपने विचार जाहिर किए और 75-वर्षीय गायक से शहर का दोबारा दौरा करने का अनुरोध किया। ममता ने एक शॉल और स्कार्फ के साथ गुलाम अली का स्वागत किया। गुलाम अली ने 1981 में कोलकाता में अपनी पहली प्रस्तुति दी थी।
गुलाम अली ने कहा, "गाना-वाना मुझे नहीं आता। मुझे सिर्फ संगीत आता है।" गुलाम अली को 'चुपके चुपके रात दिन', 'हंगामा है क्यों बरपा', 'किया है प्यार जिसे' जैसे कई गीतों के लिए जाना जाता है। सफेद कुर्ता-पाजामा पहने और एक शाल ओढ़े अली ने धैर्य और शांति बनाए रखने का अनुरोध किया, क्योंकि वह दर्शकों को 'दिल में एक लहर सी उठी है' सहित अपनी शायरी और गजल से प्रभावित करना चाहते हैं।
ममता बनर्जी को आंखें बंद कर अली के संगीत का आनंद लेते देखा गया और गुलाम अली की आवाज पूरे हॉल में प्रशंसकों के बीच गुंज रही थी। मुंबई में शिवसेना की धमकी के बाद रद्द हुए कार्यक्रम पर गुलाम अली ने नवंबर में 'भारत कभी न लौटने' की बात कही थी, और अपनी निराश व्यक्त की थी। गौरतलब है कि अक्टूबर में संगीत कार्यक्रम के रद्द होने के बाद ममता बनर्जी ने कोलकाता में कार्यक्रम की पेशकश की थी।
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