
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरी दुनिया में भारत ने पाकिस्तान की पोल खोली. पाकिस्तान को बेनकाब करने यूरोप गये संसदीय दल का सदस्य और बीजेपी के इकलौते मुस्लिम सांसद गुलाम अली खटाना ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बात की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आतंकी ढांचा को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए तहस-नहस किया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने एक बेहतरीन फैसला लिया कि 7 संसदीय दलों को भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश में भेजा जाए. हम यूरोप में गए और जीरो टॉलरेंस की बात रखी है. हम वहां पर संसद सदस्यों से मिले, सबसे मिलकर अपनी बात रखी. हम लोगों ने काफी सकारात्मक संदेश दिया.
पाकिस्तान में जम्हूरियत ही नहीं...
हम जिस भी देश में गए, वहां 2 देश सिक्योरिटी काउंसिल के मेंबर हैं. इसका इसका महत्व और भी ज्यादा पड़ जाता है. यूरोपीय यूनियन का हेड क्वार्टर भी गए. हमने अपनी बात मजबूती के साथ रखी. हमने पाकिस्तान को एक्सपोज किया. हमने बहुत डिटेल में बात रखी है, वहां पर भारतीय लोगों से भी मिले हैं. हमने उन्हें बताया कि हमें यह क्यों एक्शन लेना पड़ा हमारे पास इसके सिवाय कोई चारा नहीं था. पाकिस्तान के साथ बदकिस्मती यह है कि वहां जम्हूरियत है नहीं और वहां के जनरल अपनी एक्जिस्टेंस बनाए रखने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं.
खून खराबा बर्दाश्त नहीं
हमने करारा जवाब दिया है, पूरी दुनिया को मैसेज दिया है कि हम और खून खराबा बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. पहलगाम की घटना एक बहुत बड़ी साजिश थी हिंदू मुसलमान के बीच दंगा करने की. लेकिन गृह मंत्री का मैं शुक्र अदा करूंगा कि ऐसा कुछ भी नहीं हो पाए और शैतान की चाल को कामयाब नहीं होने दिया गया. बिलावल को पहले बलूचिस्तान में देखना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं, वहां जम्हूरियत का क्या हाल है. वहां जो प्राइम मिनिस्टर जीते थे वह कहां है आज वहां तो केवल जनरलों का राज है वह तो केवल पपट है.
आज दुनिया हमारे पक्ष को समझती है कि भारत ने क्यों आतंक के खिलाफ कार्रवाई की. हम एक उलझे हुए देश हैं. हमने कभी एटमी हथियारों की धमकी नहीं दी है. कश्मीर में जब भी कुछ अच्छा होता है तो पाकिस्तान को तकलीफ हो जाती है. कश्मीर में जिस तरह जम्हूरियत फल फूल रही है, यह पाकिस्तान को अच्छा नहीं लगता है. कश्मीर में चुनाव में बड़ी तादाद में लोग वोट डालने के लिए आए.
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