फिल्म से ली गई तस्वीर
मुंबई:
जैसा की हम सभी जानते हैं कि 'तेरे बिन लादेन- डेड और अलाइव' हिट फ़िल्म 'तेरे बिन लादेन' का सीक्वल है। इस फिल्म में भी वैसे ही लादेन के हमशक्ल के इर्द गिर्द कहानी बुनी गई है, मगर इस बार फिल्म के अंदर फिल्म बनाई जा रही है और वो कैसी फिल्म है, इसके लिए आपको फिल्म 'तेरे बिन लादेन डेड और अलाइव' देखना होगा।
यह एक कॉमेडी फिल्म है- अमेरिका के राष्ट्रपति हों या पाकिस्तान का आतंकवाद, सभी को मजाकिया अंदाज में दिखाया गया है। फिल्म में अमेरिका के एजेंट बने डेविड चड्ढा की भूमिका को सिकंदर खेर ने बहुत अच्छे से निभाया है या फिर यूं कहें की खूब हंसाया है। फिल्म में निर्देशक शर्मा की भूमिका में मनीष पॉल भी ठीक लगे हैं और ओसामा के प्रद्युमन पहले भी शाबाशी लूट चुके हैं।
पिछली फिल्म को बॉक्स ऑफिस सफलता के साथ-साथ समीक्षकों की भी खूब सराहना मिली थी, मगर इस बार सीक्वल कमजोर पड़ गया है। फिल्म कॉमेडी भले ही है, मगर हंसी बहुत ही कम दृश्यों पर आती है। इस फ़िल्म में बहुत ही गिने चुने चुटकुले हैं, जिस पर आपको हंसी आएगी। फिल्म की कहानी या इसकी पटकथा कमजोर है। इस फिल्म को सटायर भी कहा जा रहा था, जो मुझे कहीं दिखाई नहीं पड़ा। कुछ ट्विस्ट एंड टर्न्स के साथ यह एक साधारण फिल्म है।
इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 2.5 स्टार।
यह एक कॉमेडी फिल्म है- अमेरिका के राष्ट्रपति हों या पाकिस्तान का आतंकवाद, सभी को मजाकिया अंदाज में दिखाया गया है। फिल्म में अमेरिका के एजेंट बने डेविड चड्ढा की भूमिका को सिकंदर खेर ने बहुत अच्छे से निभाया है या फिर यूं कहें की खूब हंसाया है। फिल्म में निर्देशक शर्मा की भूमिका में मनीष पॉल भी ठीक लगे हैं और ओसामा के प्रद्युमन पहले भी शाबाशी लूट चुके हैं।
पिछली फिल्म को बॉक्स ऑफिस सफलता के साथ-साथ समीक्षकों की भी खूब सराहना मिली थी, मगर इस बार सीक्वल कमजोर पड़ गया है। फिल्म कॉमेडी भले ही है, मगर हंसी बहुत ही कम दृश्यों पर आती है। इस फ़िल्म में बहुत ही गिने चुने चुटकुले हैं, जिस पर आपको हंसी आएगी। फिल्म की कहानी या इसकी पटकथा कमजोर है। इस फिल्म को सटायर भी कहा जा रहा था, जो मुझे कहीं दिखाई नहीं पड़ा। कुछ ट्विस्ट एंड टर्न्स के साथ यह एक साधारण फिल्म है।
इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 2.5 स्टार।
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