आज ही रिलीज़ हुई है फिल्म '3 एएम', जो एक हॉरर फिल्म है, और यह कहानी है रणविजय सिंह, यानि सनी और उसके दो दोस्तों तथा एक महबूबा की... ये सभी एक चैनल में काम करते हैं, जहां रणविजय शो का होस्ट है... सनी की महबूबा बंद पड़ी एक मिल में रात के समय शो की शूटिंग करने जाती है, और उसकी रहस्यमय हालात में मौत हो जाती है... इसके बाद सनी इरादा बनाता है, एक भुतहा शो बनाने का, और वह चाहता है कि वह अपने कैमरे में भूतों और प्रेतों का रहस्य और उनकी गतिविधियों को कैद करे...
शो की शूटिंग के लिए वह अपने दोस्तों को लेकर उसी रुद्र मिल में जाता है, जहां उसकी गर्लफ्रेंड की मौत हुई थी, और उसके बाद उस खंडहर में क्या होता है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी... वैसे, पूरी फिल्म फ्लैशबैक में है, जिसमे सनी कहानी सुना रहा है कॉलेज के छात्रों को...
फिल्म में यह बताने की कोशिश की गई है कि भूत-प्रेत और भटकती आत्माएं होती हैं... उनकी अपनी एक दुनिया है, और चूंकि तीन बजे (3 एएम) के वक्त रात सबसे ज़्यादा अंधेरी होती है, सो, इसी वक्त आत्माएं ज़्यादा सक्रिय हो जाती हैं...
फिल्म का पहला हाफ बहुत फास्ट है... दृश्य डरावने हैं, बैकग्राउंड म्यूज़िक अच्छा है... फिल्म देखते वक्त इंतज़ार रहता है, तीन बजने का, क्योंकि असल घटना उसी समय घटनी थी... '3 एएम' में थ्रिल भी है, लेकिन फिल्म का दूसरा भाग बेहद कमज़ोर है... खंडहर के बीच रात में डरावने शो के दौरान अचानक एक गाना आ जाता है, वह भी कॉलेज में... ऐसा लगता है, इस गाने के लिए ज़बरदस्ती जगह बनाई गई है, जो कहानी के बीचोंबीच आने की वजह से समझ में ही नहीं आती... फिल्म के शुरू में भी कई चुम्बन दृश्य और हीरो-हीरोइन के बीच बिस्तर के सीन बिना वजह डाले गए हैं, क्योंकि मेरे विचार से प्यार दिखाने के लिए इस तरह के दृश्यों के बिना भी काम चलाया जा सकता है...
मैं कह सकता हूं कि शायद युवाओं को आकर्षित करने के लिए फिल्म को डरावना बनाने के साथ-साथ रोमांटिक रखने की कोशिश भी की गई होगी, लेकिन चूंकि मैं फिल्म के दूसरे हाफ से काफी निराश हुआ, इसलिए इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 2.5 स्टार...
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