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This Article is From Apr 22, 2016

फिल्म रिव्यू : बेहद कमजोर है 'संता बंता प्राइवेट लिमिटेड' की कहानी

फिल्म रिव्यू : बेहद कमजोर है 'संता बंता प्राइवेट लिमिटेड' की कहानी
मुंबई: फिल्म 'संता बंता प्राइवेट लिमिटेड' की कहानी संतेश्वर सिंह सोलाड और बंतेश्वर सिंह बोलाड यानी सांता बंता के इर्द गिर्द घूमती है। ये दोनों सीधे साधे इंसान हैं, जो अक्सर बेवकूफियां करते रहते हैं और एक दिन इन्हें झूठा एजेंट बनाकर एक अपहरण का केस सुलझाने के लिए फिजी भेज दिया जाता है।

बेहद कमजोर है फिल्म कहानी
यह एक कॉमेडी फिल्म है, जिसमें कुछ ऐसे चुटकुले हैं जिसे हम कई बार अपने मोबाइल पर पढ़ चुके हैं या सुन चुके हैं। कोशिश की गई थी, इसे कॉमेडी फिल्म बनाने की मगर कॉमेडी उतनी ही है, जितनी हमने फिल्म के ट्रेलर में देखा है या फिर उससे एक या दो सीन ज्यादा। इस फिल्म की कहानी और पटकथा बेहद कमजोर है। बिना मतलब के शोरशराबे वाला संगीत, जो कभी भी फिल्म में टपक पड़ता है।

जाने फिल्म की रेटिंग
इस फिल्म में बोमन ईरानी, संजय मिश्रा, विजय राज़ जैसे अच्छे अभिनेता हैं, मगर कमजोर स्क्रिप्ट के आगे वो कुछ कर नहीं सकते। जॉनी लीवर ने फिल्म में थोड़ी जान डाली है, जिनके एक दो दृश्य आपको हंसाते हैं। संता-बंता जैसे 2 सीधे साधे या बेवक़ूफ किरदारों के साथ कुछ चुटकुलों को जोड़कर निर्देशक आकाशदीप ने पूरी फ़िल्म बनाने की योजना बना डाली, मगर अफसोस की उसमें कहानी और पटकथा पर ध्यान नहीं दिया। कहने को यह एक कॉमेडी फिल्म है, मगर मुश्किल से 3 से 4 सीन पर हंसी आती है, इसलिए इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 1 स्टार।

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