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                                        इस हफ्ते रिलीज़ हुई है 'डोंगरी का राजा' जो कि डोंगरी के अपराध जगत में रची बसी एक लव स्टोरी है. इसका निर्देशन किया है हादी अली अबरार ने और इसमें अहम किरदार निभाएं हैं गशमीर महाजनी, ऋचा सिन्हा, रोनित रॉय, अश्मित पटेल, अश्विनी कालसेकर, सचिन सुवर्ना और और ब्रिजेश करनवाल ने. फ़िल्म की कहानी में डोंगरी में मंसूर का राज चलता है और उसका शार्प शूटर राजा उसके बेटे की तरह है. पुलिस राजा और मंसूर को सबूतों के आभाव में पकड़ नहीं पाती पर पुलिस इन दोनों के खिलाफ़ जाल बिछाती है.
राजा इधर इश्क की गिरफ़्त में आ जाता है और उसकी ज़िंदगी बदलने लगती है. पर क्या पुलिस, गैंग वॉर और मंसूर उसके इश्क को कामयाब होने देंगे. इस सवाल का जवाब सिनेमाघरों में है. पर मैं इस फ़िल्म के बारे में आपको इतना कह सकता हूं की यह निर्देशक हादी की ठीक-ठीक कोशिश है, फ़िल्म की कहानी में कोई नयापन नहीं है पर इसके टर्न एंड ट्विस्ट्स इसको रोचक बनाए रखते हैं. रोनित रॉय का अभिनय अच्छा है और गशमीर भी सधे हुए अभिनय से बांधे रखते हैं, फ़िल्म के चरित्र अभिनेता मसलन सचिन सुवर्ना और ब्रिजेश करनवाल जैसे अभिनेताओं का काम सराहनीय है. इस फ़िल्म की ख़ामी है इसका स्क्रीनप्ले जो फ़िल्म को कहानी से भटका देता, फ़िल्म का बैक ग्राउंड स्कोर काफ़ी लाउड है, फ़िल्म की मेकिंग का अंदाज थोड़ा पुराना है पर गाने मेलोडियस हैं. इस फ़िल्म को मेरी तरफ से 2.5 स्टार्स.
                                                                                 
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                राजा इधर इश्क की गिरफ़्त में आ जाता है और उसकी ज़िंदगी बदलने लगती है. पर क्या पुलिस, गैंग वॉर और मंसूर उसके इश्क को कामयाब होने देंगे. इस सवाल का जवाब सिनेमाघरों में है. पर मैं इस फ़िल्म के बारे में आपको इतना कह सकता हूं की यह निर्देशक हादी की ठीक-ठीक कोशिश है, फ़िल्म की कहानी में कोई नयापन नहीं है पर इसके टर्न एंड ट्विस्ट्स इसको रोचक बनाए रखते हैं. रोनित रॉय का अभिनय अच्छा है और गशमीर भी सधे हुए अभिनय से बांधे रखते हैं, फ़िल्म के चरित्र अभिनेता मसलन सचिन सुवर्ना और ब्रिजेश करनवाल जैसे अभिनेताओं का काम सराहनीय है. इस फ़िल्म की ख़ामी है इसका स्क्रीनप्ले जो फ़िल्म को कहानी से भटका देता, फ़िल्म का बैक ग्राउंड स्कोर काफ़ी लाउड है, फ़िल्म की मेकिंग का अंदाज थोड़ा पुराना है पर गाने मेलोडियस हैं. इस फ़िल्म को मेरी तरफ से 2.5 स्टार्स.
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