देश के कई हिस्सों में फ़िल्म पीके खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन पर फ़िल्मकार राजू हिरानी और विधु विनोद चोपड़ा ने चुप्पी साधे रखना ही बेहतर समझा है, फ़िल्म के बचाव में बोमन ईरानी आगे आए हैं। बोमन ने इस फ़िल्म में एक अहम किरदार निभाया है।
देश के कई हिस्सों में फ़िल्म पीके के खिलाफ तोड़ फोड़ शुरू हो चुकी है। देश के कुछ हिन्दूवादी संगठनों ने पीके के खिलाफ जनहित याचिका भी दायर कर रखी है। उनका आरोप है कि फ़िल्म हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करती हैं।
ऐसे वक्त में जब फ़िल्मकार विधु विनोद चोपड़ा और राजू हिरानी खामोश हैं, तब बोमन ईरानी ने अपनी जुबां खोली और कहा कि राजू हिरानी एक सम्मानीय फ़िल्मकार हैं। उनका सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वह दर्शकों का सम्मान करते हैं। राजू ऐसी फिल्में बनाते हैं जो कहीं न कहीं बहस छेड़ती है और ध्यान आकर्षित करती है।'
बोमन कहते हैं, 'हर किसी को अपने विचार रखने का अधिकार है। राजू ने अपनी फ़िल्म के ज़रिए अपना विचार रखा है। दर्शक भी अपना विचार रख सकते हैं। फ़िल्म ने इतना बड़ा रिकॉर्ड तोड़ बिज़नेस किया है, तो ज़ाहिर है की भारी संख्या में लोगों ने देखा है। इसलिए हमें हर किसी के विचार का आदर करना चाहिए। किसी को फ़िल्म की सोच अच्छी लग रही है, तो किसी को बुरी भी लग सकती है।'
वहीं इस बीच, बाबा रामदेव ने फिल्म पीके पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने के साथ ही फ़िल्म से जुड़े सभी लोगों का बहिष्कार करने के लिए भी कह दिया।
इन सबके बावजूद फ़िल्म ने नौ दिनों में ही 214 करोड़ का रिकॉर्डतोड़ कलेक्शन कर लिया है और फ़िल्म के लिए राहत की बात यह भी है की सेंसर बोर्ड ने पीके का एक भी सीन काटने से मना कर दिया है।
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