सेंसर बोर्ड के नए चेयरमैन पहलाज निहलानी शुक्रिया अदा कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली का, जिन्होंने उन्हें नया चेयरमैन बनाया है। उन्होंने कहा, "मैं खुश हूं, और शुक्रगुज़ार हूं मोदी जी और अरुण जेटली जी का... मुझे यह कुर्सी मोदी जी का वीडियो बनाने की वजह से नहीं मिली... उनका वीडियो बनाने की मेरी ख्वाहिश थी, जो हमने की... मगर यह कुर्सी मुझे मेरे सामाजिक कामों की वजह से मिली, फिल्म इंडस्ट्री के लिए सालों तक काम करने की वजह से मिली..."
दरअसल अरुण जेटली ने कहा था कि वह सेंसर बोर्ड को राजनीति से दूर रखेंगे, मगर अब बोर्ड के नए सदस्यों में से ज़्यादातर बीजेपी से जुड़े हुए हैं। इस मुद्दे पर पहलाज निहलानी ने कहा, "इसमें बुरा क्या है, अगर मैं किसी पार्टी को समर्थन देता हूं... मैं बीजेपी का समर्थन करता हूं... मोदी जी का समर्थक हूं, क्योंकि वह मेरी नज़र में एक्शन हीरो हैं... कांग्रेस के समय में भी यही होता आया है... अब अगर बीजेपी के समय में उन्होंने अपने जानने वालों को ज़िम्मेदारी दी है, तो इसमें क्या गलत है..."
पहलाज निहलानी करीब 45 साल से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और जाने-माने निर्माता रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री की भलाई के लिए बहुत सारे काम किए हैं। पहलाज निहलानी कहते हैं, "सेंसर बोर्ड में पैसे कमाने के लिए नहीं जा रहा हूं... एक ज़िम्मेदारी दी गई है, उसे पूरी तरह ईमानदारी से निभाऊंगा, क्योंकि मैं इस इंडस्ट्री का हिस्सा हूं और यहां की तकलीफें समझता हूं... पहले भी जब कोई इंडस्ट्री से जुड़ा आदमी सेंसर बोर्ड का चेयरमैन बना है, कभी कोई विवाद नहीं हुआ... ऋषिकेश मुखर्जी, शक्ति सामंत, आशा पारेख जैसी दर्जनों फिल्मी हस्तियां चेयरमैन बनीं, मगर इन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को ध्यान में रखकर निर्णय लिए और इस वजह से सेंसर बोर्ड विवादों में नहीं रहा। पिछली चेयरमैन लीला सैमसन फिल्म इंडस्ट्री से नहीं थीं, उन्हें बॉलीवुड की जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्होंने ठीक से समय भी नहीं दिया, और सही निर्णय भी नहीं लिए, इसीलिए ऐसे विवाद हुए..."
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